अस्पताल का भवन तैयार, नहीं हुई डाक्टरों की तैनाती
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जौनपुर। जिला महिला अस्पताल में 16 करोड़ से बनकर तैयार भवन चिकित्सकों का इंतजार कर रहा है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत अस्पताल का संचालन हुआ नहीं लेकिन भूतल पर आशा ज्योति केंद्र का कब्जा जम गया है। एक साल पूर्व प्रभारी मंत्री के उद्घाटन के बाद से सौ बेड के वार्डों में ताला लगा हुआ है। जिला महिला अस्पताल में जिले के अलावा आसपास के जनपदों से लोग उपचार को आते हैं। एक ओर जहां मरीजों का लोड है वहीं सृजित 21 पद के सापेक्ष दस चिकित्सकों की ही तैनाती है। चिकित्सकों की कमी और बेड खाली न रहने का हवाला देकर भर्ती करने से मना कर दिया जाता है। जनता की समस्या को देखते हुए जिला अस्पताल परिसर में 16 करोड़ रुपये की लागत से सौ बेड का एक और अस्पताल स्वीकृत किया गया। अस्पताल के संचालन की जिम्मेदारी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत नोएडा की एक एजेंसी को दी गई। एजेंसी द्वारा चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति कर दवा, परीक्षण आदि की व्यवस्था करनी थी लेकिन कंपनी आयी ही नहीं। तीन साल में किसी तरह कार्यदायी संस्था ने निर्माण कार्य पूरा किया। उस समय प्रभारी मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने अस्पताल भवन का फीता काटकर विधिवत उद्घाटन किया। लंबे-चैड़े भाषण में समुचित चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता भी बताई। उद्घाटन के एक साल से अधिक समय बीत गये लेकिन अभी तक उपचार नहीं शुरू हुआ। शासन द्वारा एजेंसी के स्थान पर जिला महिला अस्पताल को ही संचालन की जिम्मेदारी सौंपी दी है। स्वास्थ्य कर्मियों की संविदा पर तैनाती तो कर दी गई है लेकिन चिकित्सक के नाम पर सिर्फ पैथालाजिस्ट हैं। वहीं दूसरी तरफ भूतल पर आशा ज्योति केंद्र स्थापित कर दिया गया है। नए अस्पताल में कुल 11 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती होनी है। इनमें तीन-तीन महिला रोग, बालरोग विशेषज्ञ, बेहोशी के अलावा एक-एक पैथालाजिस्ट और रेडियोलाजिस्ट नियुक्त होनी है, लेकिन अभी तक सिर्फ एक संविदा पर पैथालाजिस्ट और 24 स्टाफ नर्स की तैनाती है। चिकित्सकों की नियुक्ति न होने से जहां 100 बेड के वार्डों में ताला लटका है वहीं ग्राउंड फ्लोर पर आशा ज्योति केंद्र खोल दिया गया है।