जान हथेली लेकर जिला अस्पताल में डयलिसिस करा रहे है मरीज
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जौनपुर। स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही के कारण जिला अस्पताल में डयलिसिस कराने के लिए आने वाले मरीजो का दर्द कई गुना बढ़ जा रहा है। मरीज अपना जान हथेली पर रखकर अपना इलाज करा रहे है। मरीजो का मर्ज बढ़ने की वजह बना है लिफ्ट न चलना। यह सेंटर अस्पताल के तीसरे मंजिल पर जिसके कारण मरीजो को पैदल,स्टेचर या व्हील चेयर के माध्यम से ही तीन मंजिला ऊपर जाकर अपना इलाज कराना पड़ रहा है। उधर अस्पताल अपना पल्ला झाड़ते हुए पूरा ठिकरा लिफ्ट लगाने वाली ऐजेंसी पर ही फोड़ दिया है।
भाजपा सरकार बनने के बाद मरीजो के इलाज के लिए अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में डायसिस सेंटर खोला गया। यह सेंटर अस्पताल की तीसरे मंजिल पर स्थापित हुआ। उद्घाटन नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव ने किया था। मंत्री जी इस सेंटर का उद्घाटन करने के लिए लिफ्ट से ऊपर चढ़े थे। उद्घाटन होने के बाद लिफ्ट बंद हो गया। जिसके कारण मरीजो को पैदल,व्हील चेयर या स्टेचर के सहारे ही तीसरी मंजिल पर जाना पड़ता है। पैदल चलने वाले मरीजो की कभी कभी सांसे तक रूक जाती है। फिलहाल मरीज किसी तरह से अपना इलाज करा रहे है। इस सेंटर में हर दूसरे दिन अपनी पत्नी का डायसिस करने के लिए मनोज श्रीवास्तव साथ में आते है। उन्होने बताया कि लिफ्ट न चलने के कारण किसी तरह से वे अपने पत्नी को तीसरी मंजिल पर लेकर आते है।
हैरत की बात है कि जब कोई वीआईपी जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए आता है तो लिफ्ट चलती है उनके जाने बाद ठप हो जाती है। इस मामले पर प्रभारी डायसिस सेंटर ने बताया कि कभी कभी लिफ्ट चलती है। इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 ए के शर्मा से बातचीत किया गया तो उन्होने बताया कि मैन पावर की कमी के कारण और लिफ्ट लगाने वाली संस्था ने अस्पताल को हैण्डओवर नही किया है जिसके कारण लिफ्ट नही चल रहा है। दो दिन के भीतर पत्र लिखा जायेगा।
भाजपा सरकार बनने के बाद मरीजो के इलाज के लिए अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में डायसिस सेंटर खोला गया। यह सेंटर अस्पताल की तीसरे मंजिल पर स्थापित हुआ। उद्घाटन नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव ने किया था। मंत्री जी इस सेंटर का उद्घाटन करने के लिए लिफ्ट से ऊपर चढ़े थे। उद्घाटन होने के बाद लिफ्ट बंद हो गया। जिसके कारण मरीजो को पैदल,व्हील चेयर या स्टेचर के सहारे ही तीसरी मंजिल पर जाना पड़ता है। पैदल चलने वाले मरीजो की कभी कभी सांसे तक रूक जाती है। फिलहाल मरीज किसी तरह से अपना इलाज करा रहे है। इस सेंटर में हर दूसरे दिन अपनी पत्नी का डायसिस करने के लिए मनोज श्रीवास्तव साथ में आते है। उन्होने बताया कि लिफ्ट न चलने के कारण किसी तरह से वे अपने पत्नी को तीसरी मंजिल पर लेकर आते है।
हैरत की बात है कि जब कोई वीआईपी जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए आता है तो लिफ्ट चलती है उनके जाने बाद ठप हो जाती है। इस मामले पर प्रभारी डायसिस सेंटर ने बताया कि कभी कभी लिफ्ट चलती है। इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 ए के शर्मा से बातचीत किया गया तो उन्होने बताया कि मैन पावर की कमी के कारण और लिफ्ट लगाने वाली संस्था ने अस्पताल को हैण्डओवर नही किया है जिसके कारण लिफ्ट नही चल रहा है। दो दिन के भीतर पत्र लिखा जायेगा।