"यदि कुछ चाहो तो सारी कायनात जुट जाती है उसे पूरा करने में"
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जौनपुर। प्राथमिक स्कूलों की हालत किसी से छिपी नहीं है। शिक्षकों का न आना, पढ़ाई में लापरवाही आदि समस्याएं स्कूल से आए दिन आती रहती हैं। लेकिन जिले के एक स्कूल ने अपने को ऐसा बदला है कि यहां अंग्रेजी स्कूलों के छात्र पढ़ने आने लगे हैं। स्कूल के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। यहां के शिक्षकों ने अपने पैसे व जन सहयोग से स्कूल का हुलिया बदल दिया है। शिक्षकों के मेहनत का नतीजा है कि विभाग ने प्रदेश में उत्कृष्ट विद्यालयों में इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय चतुर्भुजपुर प्रथम का चयन किया गया है।
इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय चतुर्भुजपुर प्रथम के प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि मुझे आज भी याद है 14 नवम्बर 2015 का दिन जब मैं अपना नियुक्ति पत्र लेकर पहुचा था प्राथमिक विद्यालय चतुर्भुजपुर प्रथम ,बरसठी बबूल के झुरमुटों के बीच स्थित चकत्तेदार दिवारो वाले एक कमरे में एक मैडम 25-30 बच्चों को लेकर बैठी थी मैने उनसे पूछा कि और बच्चे व स्टाफ कहा है तो जबाब मिला यही बच्चे और मैं ही अकेले हु।मैने प्रण किया परिवर्तन के लिये।अगले दिन से नामांकित बच्चो के घर सम्पर्क किया और धीरे धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी।जो कि वर्तमान में 180 पहुच गयी है बच्चो के आकर्षण के लिए विद्यालय का आकर्षक होना चाहिये जिसके लिए विद्यालय को प्लास्टिक पेंट से रंगवाया गया कक्षा कक्ष को शिक्षाप्रद चित्रो से सजाया गया,ग्रामप्रधान के सहयोग से बाउंड्रीवाल का निर्माण हुआ। विद्यालय कैम्पस में 50 पौधारोपण किये गए जो आज छायादार वृक्ष का रूप ले लिए है बच्चो के सहयोग से क्यारियां बनवाकर लगाए गए फूल पौधे बरबस ही लोगो को आकर्षित करता,यह चित्ताकर्षक दृश्य "क्लीन स्कूल ग्रीन स्कूल" की अवधारणा को साकार करता है बच्चों को टाई बेल्ट और आईकार्ड दिया गया है।शिक्षा को रुचिकर और उच्च गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए स्वयं के प्रयास से प्रोजेक्टर खरीदकर स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई ,जो कि ब्लॉक का प्रथम स्मार्ट क्लास संचालित करने वाला विद्यालय बना ।इसके साथ ही जनपद का प्रथम विद्यालय बना जिसकी स्वयं की अपनी वेबसाइट है समाजसेवी व उद्योगपति श्री अशोक सिंह ने विद्यालय के प्रगति को देखकर 30 डेस्क बेंच व एक इंडियामार्क हैंडपम्प लगवाया।तथा अन्य ग्रामीणों की मदद से पंखे,समर्सिबल, व साउंड सिस्टम प्राप्त हुआ। स्वयं के प्रयास से विद्यालय में रनिंग वाटर की व्यवस्था किया गया उपलब्धि-मिशन शिक्षण संवाद द्वारा आयोजित जनपद स्तरीय समान्य ज्ञान प्रतियोगिता "मंथन "में विद्यालय के दो छात्रों ने प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किया।ब्लॉक स्तरीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता "परख" में दो बच्चों ने टॉप 10 में जगह बनाई। ब्लाक स्तरीय खेल कूद प्रतियोगिता में बच्चों ने कब्बडी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रतिदिन तीन भाषाओ हिंदी संस्कृत व अंग्रेजी में प्रार्थना करवाया जाता हैबेसिक शिक्षा परिषद ने राज्य के उन विद्यालयों को पुरष्कृत करने का निर्णय लिया था जोकि नवाचारो और लीक से हटकर शिक्षण क्रियाकलापों को अपनाते हुए महंगे कान्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे थे।इस संदर्भ में विभाग ने विद्यालयों से पूरा विवरण मांगा गया था।विद्यालयों द्वारा प्राप्त विवरणों के मूल्यांकन के फलस्वरूप राज्य के समस्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से 100 विद्यालयों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य पुरष्कार से पुरष्कृत करने का निर्णय शासन ने लिया है जिसमे से एक विद्यालय इंग्लिश मीडियम प्रा वि चतुर्भुजपुर प्रथम भी है।
इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय चतुर्भुजपुर प्रथम के प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि मुझे आज भी याद है 14 नवम्बर 2015 का दिन जब मैं अपना नियुक्ति पत्र लेकर पहुचा था प्राथमिक विद्यालय चतुर्भुजपुर प्रथम ,बरसठी बबूल के झुरमुटों के बीच स्थित चकत्तेदार दिवारो वाले एक कमरे में एक मैडम 25-30 बच्चों को लेकर बैठी थी मैने उनसे पूछा कि और बच्चे व स्टाफ कहा है तो जबाब मिला यही बच्चे और मैं ही अकेले हु।मैने प्रण किया परिवर्तन के लिये।अगले दिन से नामांकित बच्चो के घर सम्पर्क किया और धीरे धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी।जो कि वर्तमान में 180 पहुच गयी है बच्चो के आकर्षण के लिए विद्यालय का आकर्षक होना चाहिये जिसके लिए विद्यालय को प्लास्टिक पेंट से रंगवाया गया कक्षा कक्ष को शिक्षाप्रद चित्रो से सजाया गया,ग्रामप्रधान के सहयोग से बाउंड्रीवाल का निर्माण हुआ। विद्यालय कैम्पस में 50 पौधारोपण किये गए जो आज छायादार वृक्ष का रूप ले लिए है बच्चो के सहयोग से क्यारियां बनवाकर लगाए गए फूल पौधे बरबस ही लोगो को आकर्षित करता,यह चित्ताकर्षक दृश्य "क्लीन स्कूल ग्रीन स्कूल" की अवधारणा को साकार करता है बच्चों को टाई बेल्ट और आईकार्ड दिया गया है।शिक्षा को रुचिकर और उच्च गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए स्वयं के प्रयास से प्रोजेक्टर खरीदकर स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई ,जो कि ब्लॉक का प्रथम स्मार्ट क्लास संचालित करने वाला विद्यालय बना ।इसके साथ ही जनपद का प्रथम विद्यालय बना जिसकी स्वयं की अपनी वेबसाइट है समाजसेवी व उद्योगपति श्री अशोक सिंह ने विद्यालय के प्रगति को देखकर 30 डेस्क बेंच व एक इंडियामार्क हैंडपम्प लगवाया।तथा अन्य ग्रामीणों की मदद से पंखे,समर्सिबल, व साउंड सिस्टम प्राप्त हुआ। स्वयं के प्रयास से विद्यालय में रनिंग वाटर की व्यवस्था किया गया उपलब्धि-मिशन शिक्षण संवाद द्वारा आयोजित जनपद स्तरीय समान्य ज्ञान प्रतियोगिता "मंथन "में विद्यालय के दो छात्रों ने प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किया।ब्लॉक स्तरीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता "परख" में दो बच्चों ने टॉप 10 में जगह बनाई। ब्लाक स्तरीय खेल कूद प्रतियोगिता में बच्चों ने कब्बडी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रतिदिन तीन भाषाओ हिंदी संस्कृत व अंग्रेजी में प्रार्थना करवाया जाता हैबेसिक शिक्षा परिषद ने राज्य के उन विद्यालयों को पुरष्कृत करने का निर्णय लिया था जोकि नवाचारो और लीक से हटकर शिक्षण क्रियाकलापों को अपनाते हुए महंगे कान्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे थे।इस संदर्भ में विभाग ने विद्यालयों से पूरा विवरण मांगा गया था।विद्यालयों द्वारा प्राप्त विवरणों के मूल्यांकन के फलस्वरूप राज्य के समस्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से 100 विद्यालयों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य पुरष्कार से पुरष्कृत करने का निर्णय शासन ने लिया है जिसमे से एक विद्यालय इंग्लिश मीडियम प्रा वि चतुर्भुजपुर प्रथम भी है।