अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इंजीनियरिंग के नव प्रवृत्तियों पर हुई चर्चा
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जौनपुर।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह भौतिकी विज्ञान संस्थान के आर्यभट सभागार दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत हुई.सम्मेलन में इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग के नव प्रवृत्तियों पर विद्वानों ने गंभीर चर्चा की. यह सम्मेलन पीईएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग मांड्या कर्नाटका, आईएफईआरपी चेन्नई एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है।
उद्घाटन सत्र के बतौर मुख्य अतिथि भारत संचार निगम लिमिटेड के पूर्व सीएमडी आरके उपाध्याय ने कहा कि इन्टरनेट तकनीकी से व्यवसाय और कारपोरेट सेक्टर से तेजी से बदलाव हुआ है. आज हम उस दौर से गुजर रहे है जिसमें तकनीकी तेजी से परिवर्तित हो रही है, डेटा क्रांति का दौर है. आज स्मार्ट फ़ोन का प्रचलन बढ़ रहा है और इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है. इससे शिक्षा, मेडिकल तथा व्यापर के क्षेत्र में ढक्षता और बढ़ोत्तरी होने के साथ जीवन स्तर में सुधार हुआ है.
बतौर विशिष्ठ अतिथि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के कुलपति प्रोफेसर पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि आज तकनीकी ने आम आदमी को लाभान्वित किया है. उन्होंने देश में हुई हरित और श्वेत क्रांति पर चर्चा करते हुए आज के समय की सूचना क्रांति पर अपने विचार व्यक्त किये. सत्र में ई व्यापार स्थिरता पर अपना व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि सूचना तकनीकी से स्थानीय व्यापार को ग्लोबल बना दिया है. आज के समय स्थानीय उत्पाद ऑनलाइन बिक रहे है इसमें और भी विस्तार होगा.
इसी क्रम में एसपीए एस पी आई यू लखनऊ के अनिल कुमार ने कहा कि यह सम्मलेन विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग के विविध आयामों से परिचिर करायेगा. उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों कि सराहना की.
बतौर विशिष्ठ अतिथि पीईएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग मांड्या कर्नाटका के प्रो राधा कृष्णन राव ने कहा कि इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है पूर्वांचल में इस विषय पर हुई चर्चा का दूरगामी परिणाम होगा.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय मनुष्य बनाता है, मनुष्य विज्ञान बनाता है, विज्ञान इंजिनियर बनाता है, विज्ञान इंजिनियर बनाता है, इंजिनियर तकनीकी का विकास करते है जिससे सामाजिक परिवर्तन होता है. उन्होंने कहा कि देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा ग्रहण करने के बाद इंजिनीयर देश के बाहर नौकरी करने चले जाते है उन्हें देश के लिए भी सोचना चाहिए.
सम्मेलन के चेयरमैन प्रोफेसर बीबी तिवारी ने संगोष्ठी के विषय पर प्रकाश डाला. डीन प्रो ए के श्रीवास्तव ने संस्थान की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला. डॉ संदीप सिंह, डॉ राजकुमार सोनी एवं डॉ संतोष कुमार अतिथियों संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया. अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में स्मारिका का विमोचन अतिथियों ने किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ रजनीश भास्कर ने किया. धन्यवाद् ज्ञापन डॉ रवि प्रकाश सिंह ने किया.
इस अवसर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एम के सिंह, परीक्षा नियंत्रक बी एन सिंह, प्रो हरि प्रकाश, प्रो रंजना प्रकाश, प्रोफेसर एल एन हाजरा, कमला सिंह, प्रोफेसर गोपाल हेगड़े, प्रोफेसर श्री निवास, प्रोफेसर जी सी नंदी, प्रोफेसर जगदीश राय, प्रोफेसर पीसी श्रीकांत, डॉ एम एल अनिथा समेत तमाम लोग उपस्थित रहें.
सम्मलेन में हुए विशेष व्याख्यान
जौनपुर. सम्मलेन में प्लेनरी टॉक में कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रो एल एन हाजरा ने बाइनरी ऑप्टिक्स पर अपना व्याख्यान दिया. भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलोर के प्रो टी श्रीनिवास ने मल्टीप्लेक्सिंग तकनीकी एवं ऑप्टिकल संचार पर अपना व्याख्यान दिया. आईआईआईटी के प्रो मनीष कुमार मोबाइल संचार , प्रो नितेश पुरोहित ने वायरलेस संचार, मलनाड इंजिनीयरिंग कॉलेज कर्नाटक के प्रो पीसी श्रीकांत ने फोटोनिक्स सेंसर, भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलोर के प्रो गोपाल कृष्ण हेगड़े ने ऑप्टिकल इमेजिंग तकनीक और प्रो अजय शंकर के विशेष व्याख्यान हुए.
सम्मलेन में हुए विशेष व्याख्यान
जौनपुर. सम्मलेन में प्लेनरी टॉक में कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रो एल एन हाजरा ने बाइनरी ऑप्टिक्स पर अपना व्याख्यान दिया. भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलोर के प्रो टी श्रीनिवास ने मल्टीप्लेक्सिंग तकनीकी एवं ऑप्टिकल संचार पर अपना व्याख्यान दिया. आईआईआईटी के प्रो मनीष कुमार मोबाइल संचार , प्रो नितेश पुरोहित ने वायरलेस संचार, मलनाड इंजिनीयरिंग कॉलेज कर्नाटक के प्रो पीसी श्रीकांत ने फोटोनिक्स सेंसर, भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलोर के प्रो गोपाल कृष्ण हेगड़े ने ऑप्टिकल इमेजिंग तकनीक और प्रो अजय शंकर के विशेष व्याख्यान हुए.