मनरेगा के 480 खामियां पकड़ी गयी
https://www.shirazehind.com/2020/01/480.html
जौनपुर । मनरेगा गांवों के विकास की महत्वपूर्ण योजना है। ग्राम पंचायतों में इसके तहत सड़क, तालाब सहित कई विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपये खर्च होते हैं लेकिन लोगों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। योजना में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि जनपद के 827 ग्राम पंचायतों में हुई सोशल आडिट में 480 मामलों में खामियां पकड़ी गई हैं। इस गड़बड़ी को भारत सरकार के वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। ऐसे में कार्रवाई के भय से सेक्रेटरी व प्रधानों में हड़कंप मचा हुआ है। जिले में वर्ष 2018-19 के मनरेगा व पीएम आवास के कार्यों की जांच सोशल आडिट टीम से कराई गई। अभियान चलाकर पहले चरण में 10 ब्लाक के 827 ग्राम पंचायतों को लिया गया। इसमें अभी तक 59 ग्राम पंचायत की जांच नहीं हो सकी है। कुल आडिट द्वारा जांच में 480 मामलों में सामान्य कमी पाई गई। इसमें वित्तीय गड़बड़ी से लेकर अन्य कैटेगरी को अलग नहीं किया गया है। जिसमें इनके द्वारा वित्तीय से लेकर, साइन बोर्ड न लगाना, दीवार लेखन का काम, रोजगार दिवस न मनाया जाना, मूल प्रमाण पत्र उपलब्ध न कराना आदि कुल 174 बिदुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की गई। जिससे जनता के रुपये की जांच की पारदर्शिता बनी रहे। इस बाबत सोशल आडिट टीम के जिला समन्वयक शशि मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि दस ब्लाकों के 827 ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट टीम ने जांच की। इसमें से 480 मामले में सामान्य कमी पाई गई। इसको भारत सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया जा चुका है। सात अन्य ब्लाकों के ग्राम पंचायत सोशल आडिट टीम में चार सदस्य रहे। एक टीम को अधिकतम दस ग्राम पंचायत जांच करने को दिये गये थे। कुल मिलाकर जून से लेकर दो दिसंबर तक 80 टीमों ने इस कार्य को पूरा किया। इसमें समस्या यह रही कि कुछ स्थानों पर सेक्रेटरी मूल अभिलेख व पत्रावली नहीं दे पाये। जब पत्रावली उपलब्ध नहीं हो पायी तो टीम जांच कैसे करेगी। बता दें की टीम ने मड़ियाहूं के 99, रामनगर के 99, मुंगराबादशाहपुर के 85, सिकरारा के 82, धर्मापुर के 46, रामपुर के 85, खुटहन के 95, मछलीशहर के 92, सुइथाकला के 79, डोभी के 69 गांवों की जांच की। बताया कि सात ब्लाक के 571 ग्राम पंचायतों की जांच चल रही है। इसमें बदलापुर, बक्शा, बरसठी, करंजाकला में चल रही है, जबकि मुफ्तीगंज, सिरकोनी, सुजानगंज में होना बाकी है।