विश्व का सर्वश्रेष्ठ दर्शन है श्रीमद्भगवतगीता
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जौनपुर । श्री मद्भगवतगीता समग्र विश्व का सर्वश्रेष्ठ दर्शन है। यह ज्ञान भक्ति कर्म के मूल स्वरूप का ज्ञान कराने वाला महान ग्रन्थ है तथा मानवमात्र के कल्याण का मार्ग को दिखाने वाला है। उक्त बातें रविवार को गांधी स्मारक पीजी कालेज, समोधपुर में आयोजित कार्यक्रम श्गीता जयंती पर बतौर मुख्य अतिथि कालेज संकुल के प्रबंधक हृदय प्रसाद सिंह ने कहीं। उन्होने कहा कि गीता का उपदेश आज से तकरीबन पांच हजार वर्ष पहले योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अपने प्रिय मित्र व शिष्य अर्जुन को दिया था। उन्होंने कहा कि जिस अमूल्य निधि का दुनिया की तमाम भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। जिसका आध्यात्मिक व भौतिक लाभ पूरी दुनिया उठा रही है उससे हम हीं वंचित हो गए।
बतौर मुख्य वक्ता डॉ. प्रदीप दुबे ने गीता व उसका जीवन में महत्व पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भक्ति, ज्ञान, कर्म सभी बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। गीता का अध्ययन करने वाला व्यक्ति कभी निराश ही नहीं हो सकता है। अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रणजीत कुमार पाण्डेय ने अपने उद्बबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति के महानायक लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में विषादग्रस्त अर्जुन को जो कर्मोपदेश दिया वह श्रीमद्भागवत गीता और संक्षेप में गीता के नाम से प्रख्यात हुआ। गीता दर्शन विश्व का सर्वश्रेष्ठ दर्शन है। भारत हीं नहीं वरन विश्व के शीर्ष चिंतक,विद्वानों और दार्शनिकों ने मुक्त कंठ से इसका गुणगान किया है। गीता मानव मूल्य की धरोहर के साथ दर्शन,धर्म, नीति एवं कर्म शास्त्र भी है। संचालन छात्रा शिवानी तिवारी व प्रवक्ता अवधेश मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया। गीता जयन्ती कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों को श्री श्रीमदभागवत गीता तथा अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया तथा सभी बच्चों को भी भगवद्गीता की प्रति भेंट की गई। इस मौके पर डॉ. अरुण शुक्ला, राहुल तिवारी, प्रियांशी पाल, हिमांशु मिश्रा, सूरज पासवान, प्रिया यादव, शिवानी सिंह, हैदर अली, अनामिका तिवारी सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
बतौर मुख्य वक्ता डॉ. प्रदीप दुबे ने गीता व उसका जीवन में महत्व पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भक्ति, ज्ञान, कर्म सभी बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। गीता का अध्ययन करने वाला व्यक्ति कभी निराश ही नहीं हो सकता है। अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रणजीत कुमार पाण्डेय ने अपने उद्बबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति के महानायक लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में विषादग्रस्त अर्जुन को जो कर्मोपदेश दिया वह श्रीमद्भागवत गीता और संक्षेप में गीता के नाम से प्रख्यात हुआ। गीता दर्शन विश्व का सर्वश्रेष्ठ दर्शन है। भारत हीं नहीं वरन विश्व के शीर्ष चिंतक,विद्वानों और दार्शनिकों ने मुक्त कंठ से इसका गुणगान किया है। गीता मानव मूल्य की धरोहर के साथ दर्शन,धर्म, नीति एवं कर्म शास्त्र भी है। संचालन छात्रा शिवानी तिवारी व प्रवक्ता अवधेश मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया। गीता जयन्ती कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों को श्री श्रीमदभागवत गीता तथा अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया तथा सभी बच्चों को भी भगवद्गीता की प्रति भेंट की गई। इस मौके पर डॉ. अरुण शुक्ला, राहुल तिवारी, प्रियांशी पाल, हिमांशु मिश्रा, सूरज पासवान, प्रिया यादव, शिवानी सिंह, हैदर अली, अनामिका तिवारी सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।