गबन के आरोप में दो ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित
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जौनपुर। गबन के आरोप में सिकरारा व मुफ्तीगंज ब्लाक के ग्राम पंचायत
अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। जांच में सिद्ध हुआ कि दोनों ने
सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। साथ ही शौचालय निर्माण को
लेकर झूठी रिपोर्ट भी दी गई। एक साथ दो पर गाज गिरने के बाद महकमे में
हड़कंप मच गया है।
अक्टूबर माह में सिकरारा ब्लाक के खपरहां गांव की जांच जिला परियोजना समन्वयक (एसबीएम) अनूप सिंह ने की। जांच में पता चला कि 163 शौचालयों के लक्ष्य के सापेक्ष महज 120 आधे-अधूरे शौचालयों का निर्माण हुआ है। 43 शौचालयों का निर्माण न कराने के बावजूद पैसा निकाल लिया गया। इतना ही नहीं शत-प्रतिशत शौचालयों का निर्माण कराए बिना ही फर्जी तरीके से गांव को ओडीएफ घोषित का प्रमाण पत्र दे दिया गया। रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार ने सचिव राजकुमार पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। कुछ ऐसा ही कारनामा मुफ्तीगंज ब्लाक के अहन गांव में भी देखने को मिला। यहां सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव ने मानकों को ताक पर रखकर अनियमितता की। जिलाधिकारी के निर्देश पर गांव की जांच जिला गन्ना अधिकारी व अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने की। जांच में सामने आया कि कार्य पूरा किए जाने से पहले ही एमबी पूर्ण कर ली गई और तमाम स्थानों पर भुगतान भी कर लिया गया। इसके अलावा सुबास यादव के घर से नाले तक 150 मीटर प्लास्टर कार्य नहीं कराया गया। साथ ही बनवासी तालाब से नाले तक पक्की नाली 140 मीटर में 40 फीसद प्लास्टर कार्य नहीं कराया गया। रिपोर्ट के आधार पर ग्राम पंचायत के सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई बुधवार की देररात हुई।
अक्टूबर माह में सिकरारा ब्लाक के खपरहां गांव की जांच जिला परियोजना समन्वयक (एसबीएम) अनूप सिंह ने की। जांच में पता चला कि 163 शौचालयों के लक्ष्य के सापेक्ष महज 120 आधे-अधूरे शौचालयों का निर्माण हुआ है। 43 शौचालयों का निर्माण न कराने के बावजूद पैसा निकाल लिया गया। इतना ही नहीं शत-प्रतिशत शौचालयों का निर्माण कराए बिना ही फर्जी तरीके से गांव को ओडीएफ घोषित का प्रमाण पत्र दे दिया गया। रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार ने सचिव राजकुमार पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। कुछ ऐसा ही कारनामा मुफ्तीगंज ब्लाक के अहन गांव में भी देखने को मिला। यहां सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव ने मानकों को ताक पर रखकर अनियमितता की। जिलाधिकारी के निर्देश पर गांव की जांच जिला गन्ना अधिकारी व अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने की। जांच में सामने आया कि कार्य पूरा किए जाने से पहले ही एमबी पूर्ण कर ली गई और तमाम स्थानों पर भुगतान भी कर लिया गया। इसके अलावा सुबास यादव के घर से नाले तक 150 मीटर प्लास्टर कार्य नहीं कराया गया। साथ ही बनवासी तालाब से नाले तक पक्की नाली 140 मीटर में 40 फीसद प्लास्टर कार्य नहीं कराया गया। रिपोर्ट के आधार पर ग्राम पंचायत के सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई बुधवार की देररात हुई।