फिर किसानों को भाने लगी गुड़ की मिठास
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जौनपुर। किसानों को फिर गुड़ की मिठास भाने लगी है। वे गन्ने की खेती शुरू कर दिए हैं, लेकिन कृषि विभाग इसे बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं कर रहा। मछलीषहर तहसील क्षेत्र की जमीन गन्ने की खेती कि लिए काफी उपयोगी है। 1998 के दशक तक यहां बडे पैमाने पर गन्ने की खेती होती थी। बाद में यहां धीरे-धीरे किसानों ने गन्ना लगाना बंद कर दिया। अब फिर किसानों का रुझान गन्ने की खेती की तरफ हुआ है। किसान प्रेम बहादुर, राजेश ¨सह, महेंद्र बहादुर का कहना है कि उन्होंने दो सालों से गन्ना लगाना शुरू किया है। कुछ रस निकालने वाले खेत से ही गन्ना खरीद लेते हैं और जो बच रहा है उससे वह गुड़ तैयार कर ले रहे हैं। प्रेम बहादुर का कहना है कि पिछले साल उन्होने गन्ना लगाया था और अच्छी खासी आमदनी हो गई। चीनी मिल न होने की वजह से खेती को बढ़ावा नहीं मिल रहा। अगर कृषि विभाग गुड़ बनाने की नई तकनीक की जानकारी दें तो और लाभ कमा सकते हैं, क्योंकि बाजार में चीनी से गुड़ की कीमत ज्यादा है। दूसरा गन्ने से मवेशियों को हरा चारा मिलता है, जिससे उनके दूध में बढ़ोतरी होती है। किसानों का कहना है कि 15 साल पहले जनपद में चीनी मिल थी, लेकिन इस समय वह भी नहीं। अगर जनपद में एक मिल लग जाए तो गन्ना यहां के किसानों के लिए अन्य फसलों के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।