वाहन चलाते समय मोबाइल से बात करना खतरनाक
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जौनपुर। मोबाइल जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, लेकिन पैदल चलते व वाहन चलाते वक्त इसका इस्तेमाल जान पर भारी पड़ सकता है। बदलते समय में ड्राइविग के दौरान मोबाइल से बात करना आम हो गया है। कई बार लोग चालान से बचने के लिए हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करने वाले लोग अपना जीवन जोखिम में डालने के साथ ही दूसरों के लिए भी खतरा है। गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल से बात दुर्घटना की बड़ी वजह के रूप में सामने आ रहा है। परिवहन विभाग की ओर से अभी तक ड्राइविग के दौरान मोबाइल से बात करने वाले तीन दर्जन लोगों का चालान किया है। ड्राइविग के दौरान तमाम वाहन चालक ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं। इस दौरान ध्यानभंग होने से दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। ईयरफोन लगाने की वजह से रेलवे ट्रैक पर भी कई जानें जा चुकी हैं। रफ्तार का कहर जिदगी पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में ड्राइविग के दौरान स्पीड पर किसी भी कीमत पर नियंत्रण खोने न दें। जानकारों का भी यही कहना है कि गाड़ी उतनी ही गति से चलाएं, जितना नियंत्रण कर सकें। कार चलाते वक्त सीट बेल्ट लगाने को आदत में शुमार करें। सफर के दौरान बच्चों को सीट बेल्ट जरूर लगाएं। ऐसा करने से दुर्घटना के समय बचाव हो सकेगा। गाड़ी में स्पीकर ऑन कर बात करने पर भी चालान अगर आप मोबाइल का स्पीकर से गाड़ी में बात करते हैं, तब भी सावधान हो जाएं क्योंकि ऐसा करने पर आपका चालान काटा जा सकता है। परिवहन या ट्रैफिक पुलिस को जांच के बाद चालान करने का अधिकार है। ड्राइविग के दौरान मोबाइल से बात करने पर पहली बार पकड़े जाने पर चालान किया जाएगा, जबकि दूसरी बार तीन माह के लिए लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा। लगातार तीसरी बार भी इस आरोप में पकड़े जाने पर हमेशा के लिए लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। एआरटीओ का कहना है कि सड़क हादसे की संभावना ज्यादा पिछले साल के मुकाबले इस साल ड्राइव करते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल के ज्यादा मामले सामने आए हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल सड़क हादसे का सबब बन रहा है। वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल न करें।- अगर मोबाइल का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो वाहन को सड़क के किनारे खड़ा कर लें- कोशिश करें कि ड्राइव करते समय मोबाइल को साइलेंट रखें- वाहन चलाते वक्त ईयरफोन का इस्तेमाल करने से बचें।