मिथिलेश यादव के वतन वापसी के लिए पीएमओ सक्रिय
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जौनपुर। गत नौ माह से सऊदी अरब की जेल में बंद सरपतहां थाना क्षेत्र के गंगौली गांव
निवासी मिथिलेश यादव के वतन वापसी के लिए पीएमओ सक्रिय हो गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर विदेश मंत्रालय हरकत में आया है। इसके
लिए सुल्तानपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल हक व बदलापुर के विधायक
रमेश चंद्र मिश्र ने पहल की थी। दोनों को ही चिट्ठी भेजकर अवगत कराया गया
है कि विदेश मंत्रालय मिथिलेश की वतन वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा
है।
मालूम हो कि मिथिलेश वर्ष 2011 से सऊदी अरब के रियाद शहर में एक शेख के यहां बतौर कार चालक नौकरी कर रहा था। गत 20 फरवरी को वह शेख को लेकर कहीं जा रहा था। रास्ते में कार गलती से रेड सिग्नल पार करते हुए एक अन्य कार से टकरा गई। हादसे में जॉर्डन की एक महिला घायल हो गई। जिसकी कुछ दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने मिथिलेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिस कार से हादसा हुआ उसका न तो बीमा था और न ही अन्य वैध कागजात। आरोप है कि कार मालिक ने खुद को फंसता देख मिथिलेश को जेल से रिहा कराने का आश्वासन देकर अरबी भाषा में लिखे कुछ कागजों पर दस्तखत करा लिया। जिससे कोर्ट में दुर्घटना की सारी जिम्मेदारी मिथिलेश पर आ गई। इसके बाद उसके ऊपर डेढ़ लाख रियाल (करीब तीस लाख भारतीय मुद्रा) का जुर्माना हो गया और कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। यह मामला सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल हक के संज्ञान में आया तो वह मिथिलेश के स्वजनों की मदद को आगे आए। श्री हक ने मिथिलेश की रिहाई के लिए उसके परिजनों के साथ जिलाधिकारी जौनपुर के अलावा प्रधानमंत्री से भी अपील की थी। वहीं बदलापुर के विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने संज्ञान लेते हुए गत दिवस पीएमओ को पत्र लिखा था।
मालूम हो कि मिथिलेश वर्ष 2011 से सऊदी अरब के रियाद शहर में एक शेख के यहां बतौर कार चालक नौकरी कर रहा था। गत 20 फरवरी को वह शेख को लेकर कहीं जा रहा था। रास्ते में कार गलती से रेड सिग्नल पार करते हुए एक अन्य कार से टकरा गई। हादसे में जॉर्डन की एक महिला घायल हो गई। जिसकी कुछ दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने मिथिलेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिस कार से हादसा हुआ उसका न तो बीमा था और न ही अन्य वैध कागजात। आरोप है कि कार मालिक ने खुद को फंसता देख मिथिलेश को जेल से रिहा कराने का आश्वासन देकर अरबी भाषा में लिखे कुछ कागजों पर दस्तखत करा लिया। जिससे कोर्ट में दुर्घटना की सारी जिम्मेदारी मिथिलेश पर आ गई। इसके बाद उसके ऊपर डेढ़ लाख रियाल (करीब तीस लाख भारतीय मुद्रा) का जुर्माना हो गया और कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। यह मामला सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल हक के संज्ञान में आया तो वह मिथिलेश के स्वजनों की मदद को आगे आए। श्री हक ने मिथिलेश की रिहाई के लिए उसके परिजनों के साथ जिलाधिकारी जौनपुर के अलावा प्रधानमंत्री से भी अपील की थी। वहीं बदलापुर के विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने संज्ञान लेते हुए गत दिवस पीएमओ को पत्र लिखा था।