आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का है विश्वव्यापी प्रभाव
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित उमानाथ सिंह इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय रीसेंट एडवांसेज इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग विषयक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत बुधवार को हुई । उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि आईआईटी,बी एचयू के आचार्य डा0 एस के सिंह ने कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का विश्वव्यापी प्रभाव है. इन विधाओं की किसी भी अध्ययन शाखा के बड़े आकड़ों को विश्लेषित करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। आर्युर्वेद विज्ञान, फाइनेंसियल एकाउंटिंग, मैकेनिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के विश्लेषण के लिए इसका प्रयोग हो रहा है। उन्होंने यांत्रिक दोष निदान के लिए कंप्यूटर तकनीक के उपयोग के बारे में व्याख्यान दिया। कुलपति प्रो0 डा0 राजाराम यादव ने कहा कि शिक्षक से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई पद नही होता, शिक्षक का पहला धर्म है कि विद्यार्थियों का नैतिक एवं शैक्षणिक उत्थान करें । शिक्षक की पहचान उसके विद्यार्थियों की सफलता से है। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम से शिक्षकों में नया दृष्टिकोण आता है जिसका लाभ विद्यार्थियों को मिलता है। आज हर क्षेत्र में नया आयाम जुड़ रहा है इस आयामों से शिक्षक को जुड़ते रहना चाहिए। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के संयोजक एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 संदीप कुमार सिंह ने कहा कि आधुनिक युग कंप्यूटर का युग है और कंप्यूटर की अनुप्रयोग से बड़ी ही आसानी से यांत्रिक उपकरणों की कमियों को दूर किया जा सकता है व् गुणवत्ता बढ़ायी जा सकती है। उन्होंने इन सी, सी एन सी के अधिक से अधिक उपयोग पर जोर देते हुए इसमें होने वाले नए अनुसंधानों के महत्व को भी बताया। इसमें विभिन्न विश्विद्यालयों के 89 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर प्रो. बी बी तिवारी, प्रो. ए के श्रीवास्तव,डॉ रजनीश भाष्कर, डॉ अमरेंद्र सिंह,हेमंत कुमार सिंह, दीप प्रकाश सिंह, शशांक दुबे, हिमांशु तिवारी, अंकुश गौरव, सुबोध कुमार, नवीन चैरसिया, मो रेहान आदि उपस्थित रहे ।