पशुओं की समस्या से नहीं मिल पा रही निजात
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जौनपुर। जहां प्रशासन द्वारा आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिये अनेक योजनायें बनाई जा रही हैं। गौवंश आश्रय स्थलों को विकसित करने और अस्थाई गौशालाएं खोलकर समुचित प्रबंध करने की बात कही जा रही है। नियमित अंतराल पर अधिकारियों की बैठकें ली जा रही हैं और आवश्यक दिशा निर्देश दिये जा रहे हैं। ग्राम प्रधानों को भी दायित्व सौंपे गये हैं लेकिन तमाम प्रयासों के वावजूद आवारा पशुओं की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। अनेक ऐसे गांव हैं जहां सैकड़ों की संख्या में जानवर छुट्टा घूम रहे हैं जो झुण्डों में खेतों में घुसकर फसलों को काफी नुकसान पहुँचा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन के दावे और प्रबंधों पर सवालिया निशान खडे हो रहे हैं। गत कई दिनों से मड़ियाहूं तहसील अंतर्गत ग्राम हँसिया,खुआवां, सोतीपुर,बबुरी गाँव,निगोह,सरसरा, बेलौना कला,गोठाव आदि ऐसे तमाम गाँव के किसानों को आवारा पशुओं की इसी समस्या से दो चार होना पड रहा है। किसानों के मुताबिक इस इलाके में लगभग 500 आवारा जानवर घूम रहे हैं। इनसे फसलों की रक्षा करने के लिये किसानों ने मजबूरन खेतों में ही डेरा डाल रखा है।किसान परिवार रात-रात भर जागकर अपने खेतों की रखवाली कर रहे हैं। फिर भी जब कभी जरा देर के लिये नींद लग जाये तो जानवरों के झुण्ड खेतों में घुसकर फसल तबाह कर जाते हैं। ऐसे में किसान खून के आंसू रो रहे है। इसके अलावा खेतों में जहरीले जीवों का खतरा भी बना हुआ है। किसानों को सांप,बिच्छू से अक्सर सामना हो जाता है। किसानों के हालात दयनीय बने हुये हैं। विकराल रूप लेती जा रही आवारा पशुओं की समस्या से निजात पाने की आशा लगाकर किसान मडियाहूं तहसील मुख्यालय गये। अधिकारियों को कई बार ज्ञापन भी दिये गये लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिल सकी है।ऐसे में किसान परेशान है और उनमें रोष व्याप्त है। इस संबंध में एसडीएम मड़ियाहूं का कहना है कि यह जो मामला उनके संज्ञान में आया था। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर आवारा पशुओं के उचित प्रबंध किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि संबंधित लेखपाल को उक्त गांव में भेजा है। उन्होंने कहा कि जो गौशाला बना है उसकी समुचित व्यवस्था कर पूर्ण रूप से संचालित करवाना है। उन्होंने किसानों को जल्द ही राहत मिलने का भरोसा दिलाया है। वास्तव में किसानों को यह राहत कब मिलेगी और मिल भी पायेगी या नहीं,यह अभी भविष्य के गर्त में छिपा है। फिलहाल किसानों के मौजूदा हालात दयनीय हैं और आवारा जानवरों के आतंक से काफी पीडित नजर आ रहे हैं।