सुनो सरकार, नही थम रहा भ्रष्टाचार
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जौनपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लाख प्रयासो के बाद भी भ्रष्टाचार थमने का नाम नही ले रहा है। जिले से लेकर गांव स्तर के अधिकारियों की मिली भगत से विकास कार्यो के लिए भेजे जा रहे पैसो का जमकर बंदर बाट हो रहा है। सूत्रो से खबर है कि इसमे कुछ माननीयो का भी बरदहस्त प्राप्त है। शिकायत पर जांच होती है। जिसके सिर पर माननीयों या उच्चाधिकारियों का हाथ होता है उसे जांच में क्लिनचीट दे दिया जा रहा है या जांच के नाम पर टाल दिया जा रहा है। फिलहाल कुछ जांचो में दोषि पाये जाने पर कार्यवाही हो रही है। लेकिन सवाल यह उठता है जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार पर पुरी तरह से पाबंदी लगाने का फरमान जारी किया है उसके बाद भी अधिकारी कर्मचारी बेखौफ होकर लूटपाट जारी रखे हुए है।
विकास कार्यो में हुए लूट खसोट का ताजा मामला सामने आया है डोभी विकास खण्ड के तरांव गांव में। इस गांव में विकास कार्य के लिए शासन द्वारा भेजे गये 22 लाख 89 हजार रूपये जिम्मेदार अधिकारियों और ग्राम प्रधान ने मिलकर बंदर बांट कर लिया।
सरकारी धन के गबन की शिकायत मिलने पर उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मंडल ने 22 अगस्त को डोभी विकास खंड के तरांव गांव का स्थलीय निरीक्षण किया था। जांच में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), राज्यवित्त, 14 वां वित्त आयोग के अंतर्गत आवंटित धनराशि से कराए गए कार्यों में गंभीर वित्तीय अनियमितता व धनराशि का हेर-फेर पाया। जांच रिपोर्ट के अनुसार गांव में 245 शौचालयों के निर्माण हेतु धनराशि आहरित की गई थी। जिसके सापेक्ष मौके पर मात्र 142 शौचालय निर्मित तथा दो अर्द्धनिर्मित मिले। शेष 101 शौचालय की धनराशि 12.12 लाख रुपये का बंदरबांट कर लिया गया। इस धनराशि में से 16 शौचालय का 1.92 लाख रुपये का गबन पूर्व ग्राम प्रधान राज कुमार व पूर्व ग्राम पंचायत सचिव सुरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा किया गया। शेष धनराशि ग्राम प्रधान दिलीप जायसवाल व ग्राम पंचायत सचिव अजीत कुमार की मिलीभगत से गबन कर ली गई।
इसी प्रकार राज्य वित्त एवं 14 वां वित्त आयोग की तीन साल से निर्गत धनराशि का विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया और न ही कराए गए कार्यों से संबंधित कोई सूची, बिल-बाउचर, अभिलेख, मस्टर रोल आदि निरीक्षण हेतु प्रस्तुत किया गया। इतना ही एक अगस्त को खाते पर रोक लगने के एक दिन पूर्व ही 7.97 लाख का अनियमित तरीके से भुगतान कर लिया गया। डस्टविन खरीद में 1.39 लाख व हैंडपंपों के रीबोर में 1.42 लाख रुपये की गंभीर वित्तीय अनियमितता मिली। जांच आख्या के अनुसार शौचालय मद में 10.20 लाख, राज्य वित्त एवं 14 वां वित्त का 10.77 लाख रुपये गबन वर्तमान ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव ने तथा 1.92 लाख रुपये पूर्व ग्राम प्रधान व पूर्व ग्राम पंचायत सचिव द्वारा किया गया। जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार ने पांच अक्टूबर को ग्राम पंचायत अधिकारी अजीत कुमार को निलंबित करते हुए मामले की जांच के लिए सहायक विकास अधिकारी पंचायत बरसठी को नामित किया है।
इस संबंध में उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मंडल एके सिंह ने बताया कि गड़बड़ी की शिकायत पर जांच की गई। जिसमें सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सामने आया। इसके बाद कार्रवाई के लिए डीपीआरओ को निर्देशित कर दिया गया।
विकास कार्यो में हुए लूट खसोट का ताजा मामला सामने आया है डोभी विकास खण्ड के तरांव गांव में। इस गांव में विकास कार्य के लिए शासन द्वारा भेजे गये 22 लाख 89 हजार रूपये जिम्मेदार अधिकारियों और ग्राम प्रधान ने मिलकर बंदर बांट कर लिया।
सरकारी धन के गबन की शिकायत मिलने पर उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मंडल ने 22 अगस्त को डोभी विकास खंड के तरांव गांव का स्थलीय निरीक्षण किया था। जांच में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), राज्यवित्त, 14 वां वित्त आयोग के अंतर्गत आवंटित धनराशि से कराए गए कार्यों में गंभीर वित्तीय अनियमितता व धनराशि का हेर-फेर पाया। जांच रिपोर्ट के अनुसार गांव में 245 शौचालयों के निर्माण हेतु धनराशि आहरित की गई थी। जिसके सापेक्ष मौके पर मात्र 142 शौचालय निर्मित तथा दो अर्द्धनिर्मित मिले। शेष 101 शौचालय की धनराशि 12.12 लाख रुपये का बंदरबांट कर लिया गया। इस धनराशि में से 16 शौचालय का 1.92 लाख रुपये का गबन पूर्व ग्राम प्रधान राज कुमार व पूर्व ग्राम पंचायत सचिव सुरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा किया गया। शेष धनराशि ग्राम प्रधान दिलीप जायसवाल व ग्राम पंचायत सचिव अजीत कुमार की मिलीभगत से गबन कर ली गई।
इसी प्रकार राज्य वित्त एवं 14 वां वित्त आयोग की तीन साल से निर्गत धनराशि का विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया और न ही कराए गए कार्यों से संबंधित कोई सूची, बिल-बाउचर, अभिलेख, मस्टर रोल आदि निरीक्षण हेतु प्रस्तुत किया गया। इतना ही एक अगस्त को खाते पर रोक लगने के एक दिन पूर्व ही 7.97 लाख का अनियमित तरीके से भुगतान कर लिया गया। डस्टविन खरीद में 1.39 लाख व हैंडपंपों के रीबोर में 1.42 लाख रुपये की गंभीर वित्तीय अनियमितता मिली। जांच आख्या के अनुसार शौचालय मद में 10.20 लाख, राज्य वित्त एवं 14 वां वित्त का 10.77 लाख रुपये गबन वर्तमान ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव ने तथा 1.92 लाख रुपये पूर्व ग्राम प्रधान व पूर्व ग्राम पंचायत सचिव द्वारा किया गया। जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार ने पांच अक्टूबर को ग्राम पंचायत अधिकारी अजीत कुमार को निलंबित करते हुए मामले की जांच के लिए सहायक विकास अधिकारी पंचायत बरसठी को नामित किया है।
इस संबंध में उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मंडल एके सिंह ने बताया कि गड़बड़ी की शिकायत पर जांच की गई। जिसमें सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सामने आया। इसके बाद कार्रवाई के लिए डीपीआरओ को निर्देशित कर दिया गया।