राष्ट्रभक्त की गाथा को श्रवण कर युवा पीढ़ी सीख लें
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जौनपुर। कुटीर पीजी कॉलेज चक्के मे संस्थापक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अभयजीत दुबे का 21वॉ परिनिर्वाण दिवस का आयोजन महाविद्यालय परिसर के स्मृति सभागार में किया गया। इस अवसर पर श्रद्धांजलि संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो0 लल्लन मिश्र ने गीता की उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए शिकागो धर्म सम्मेलन के बारे में बताते हुए यह कहा कि स्वामी विवेकानंद गीता को आधार ग्रंथ माना तो वही दूसरी ओर पंडित जी ने कुटीर संस्थान की आधारशिला गीता साहित्य कुटीर के रूप में स्थापित किया । जिसको आधार मानकर वे कुटीर क्षेत्र में शिक्षा का ज्ञान की गंगा का त्रिवेणी बहाने में सफल रहे। संपत्ति और समृद्धि तात्विक विवेचना करते हुए बताया कि तालाब का पानी कुछ समय बाद सूख जाता है उसको संपत्ति कहा जाता है , वही कुएं का पानी कितना भी निकाल लो सूखता नहीं है वह समृद्धि कहलाती है। संस्थान के प्रबंधक डा0अजयेन्द्र कुमार कुमार दुबे ने कहां की ऐसे प्रखर राष्ट्रभक्त की गाथा को श्रवण कर युवा पीढ़ी सीख ले। वरिष्ठ पत्रकार डॉ0गौरी शंकर त्रिपाठी ने कहा कि पंडित जी का जीवन आंखों में लगाने वाली अंजन की तरह है सही भाव से अगर लगाया जाए आंखों की रोशनी जीवन पर्यंत बनी रहेगी। प्राचार्य डॉ0 केडी चैबे कुटीर पीजी कॉलेज एवं प्रधानाचार्य धर्मेंद्र दुबे कुटीर इंटर कॉलेज ने आए हुए अतिथियों का अपने उद्बोधन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित एवं वैष्णव जन तो तेने कहिए गीतों से संपन्न हुआ। आचार्य पंडित श्यामजी पांडे की उपस्थिति में यज्ञ-हवन संपन्न हुआ तत्पश्चात सभी संस्थाओं के छात्र एवं छात्राएं प्राध्यापक गण एवं कर्मचारियों ने शहीद उद्यान में उपस्थित होकर संस्थापक की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। भूषण मिश्र पूर्व प्राचार्य रमापति त्रिपाठी डा0 सीबी पाल जीवनात पाल ग्रंथाध्यक्ष विद्यानिवास मिश्र ध्रुव नाथ चैबे चंद्र देव मिश्र अशोक दुबे शिवानंद शुक्ला पंकज भूषण मिश्रा इंद्र पति मिश्रा राम आसरे विश्वकर्मा लक्ष्मी शंकर दुबे अनवर अली कुंवर भारत सिंह आदि लोग उपस्थित रहे। संचालन रत्नेश्वर दुबे ने किया।