कुण्ड कटा , प्रतिमाओ का विसर्जन रुका , आक्रोश
https://www.shirazehind.com/2019/10/blog-post_732.html
जौनपुर । दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए बनाये गए कुण्ड कट जाने से विसर्जित की गई मूर्तियों के अपशिष्ट नदी में बह गई । कुण्ड कटने के कारण मूर्तियो का विसर्जन रुक गया , जिसके चलते समितियों से जुड़े लोगो में आक्रोश व्याप्त हो गया है । आक्रोशित लोग जिला प्रशासन और दुर्गा पूंजा महासमिति को जिम्मेदार ठहरा रहे है
विसर्जन रुकने से जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गया है । विसर्जन रुकने से सद्भावना पुल से लेकर ओलन्दगंज तक मूर्तियो की कतारे लग गया है ।
शारदीय नवरात्रि के बाद विजयदशमी के दिन शुरू प्रतिमाओं का विसर्जन बुधवार की सुबह तक सकुशल ढंग से सम्पन्न हो रहा था कि अचानक अफरा-तफरी मच गयी जिसको लेकर देर शाम तक आयोजन समिति सहित जिला व पुलिस प्रशासन परेशान रहा। बता दें कि गोमती नदी बढ़ने के चलते नगर के नखास के विसर्जन घाट पर नया शक्ति कुण्ड बना जो प्रतिमाओं की अपेक्षा छोटा था। न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुये जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा उसी कुण्ड में प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू करा दिया जहां कुण्ड के छोटा होने एवं पानी कम होने के चलते प्रतिमाओं को एक-दूसरे पर लादना शुरू कर दिया गया। बुधवार की सुबह लगभग 10 बजे स्थिति यह हो गयी कि कुण्ड एक छोर से खुल गया जिसके चलते कुण्ड की अधिकांश प्रतिमाएं बहकर गोमती नदी में चली गयीं। जब तक लोग कुछ करते तब तक काफी प्रतिमाएं आदि गंगा गोमती की अविरल धारा की ओर बह गयीं। इसको लेकर नगर पालिका सहित जिला व पुलिस प्रशासन का हाथ-पांव फूलने लगा जो पुलिस की मदद से वहां मौजूद लोगों को भगाने के साथ फटे कुण्ड को रोकने में जुट गया। इसी को लेकर दर्जन भर से अधिक प्रतिमाएं देर शाम तक रोकी गयीं जो कुण्ड के सही होने पर विसर्जित की गयीं।
विसर्जन रुकने से जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गया है । विसर्जन रुकने से सद्भावना पुल से लेकर ओलन्दगंज तक मूर्तियो की कतारे लग गया है ।
शारदीय नवरात्रि के बाद विजयदशमी के दिन शुरू प्रतिमाओं का विसर्जन बुधवार की सुबह तक सकुशल ढंग से सम्पन्न हो रहा था कि अचानक अफरा-तफरी मच गयी जिसको लेकर देर शाम तक आयोजन समिति सहित जिला व पुलिस प्रशासन परेशान रहा। बता दें कि गोमती नदी बढ़ने के चलते नगर के नखास के विसर्जन घाट पर नया शक्ति कुण्ड बना जो प्रतिमाओं की अपेक्षा छोटा था। न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुये जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा उसी कुण्ड में प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू करा दिया जहां कुण्ड के छोटा होने एवं पानी कम होने के चलते प्रतिमाओं को एक-दूसरे पर लादना शुरू कर दिया गया। बुधवार की सुबह लगभग 10 बजे स्थिति यह हो गयी कि कुण्ड एक छोर से खुल गया जिसके चलते कुण्ड की अधिकांश प्रतिमाएं बहकर गोमती नदी में चली गयीं। जब तक लोग कुछ करते तब तक काफी प्रतिमाएं आदि गंगा गोमती की अविरल धारा की ओर बह गयीं। इसको लेकर नगर पालिका सहित जिला व पुलिस प्रशासन का हाथ-पांव फूलने लगा जो पुलिस की मदद से वहां मौजूद लोगों को भगाने के साथ फटे कुण्ड को रोकने में जुट गया। इसी को लेकर दर्जन भर से अधिक प्रतिमाएं देर शाम तक रोकी गयीं जो कुण्ड के सही होने पर विसर्जित की गयीं।