अपने पूर्वजो की विरासत को सजोये है हुसेनाबाद मोहल्ले के लोग
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फाइल फोटो |
श्री राम लीला समिति हुसेनाबाद की स्थापना 1943 में हुआ था । रामलीला का मंचन स्व0 शिवाजी श्रीवास्तव , काशीनाथ श्रीवास्तव , छैल बिहारी लाल, दीप नारायण श्रीवास्तव , दुर्गाप्रसाद श्रीवास्तव, राम नरेश मिश्र, अवधेश मिश्र , ईशनारायण शुक्ल ,ललित मोहन श्रीवास्तव , हृदय मोहन श्रीवास्तव, मोतीलाल श्रीवास्तव , महाबली रावत समेत मोहल्ले के दर्जनों लोगो ने शुरू किया , शुरुवाती दौर में सीमित संसाधनों के बावजूद इन लोगो ने अपनी प्रतिभा के बल पर ऐसी भगवान राम के लीला ऐसा मंचन किया कि यहां की राम लीला पुरे जिले में मसहूर हो गया , यहाँ की राम लीला देखने के लिए नगर के मियांपुर, जोगियापुर,ओलन्दगंज , वाजिदपुर , लाइन बाजार , खरका, मतापुर, समेत दर्जनों मोहल्लों के हजारो की जनता आज भी जुटती है , अपने पूर्वजो की इस विरासत को आज भी इस मोहल्ले के लोग सहेज कर रखे हुए है । इस भाग दौड़ की जिंदगी और व्यस्तता के बावजूद रामलीला में अपना रोल निभाने के लिए प्रदेश के बाहर , प्रदेश अन्य जनपदों में सरकारी , गैर सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले छुट्टी लेकर आते है । यह रामलीला जिस स्थान पर किया जाता है उसके ठीक सामने सरकारी कालोनी है , इस कालोनी में पीसीएस अधिकारी , जजेज और पुलिस अधिकारियो के परिवार के लोग रहते है अक्सर इन अफसरों के परिजन भी भगवान की लीला देखने के लिए आते है।