त्रेता का भाई विपत्ति तो कलयुग का भाई संपत्ति बाटता है: आचार्य शान्तनु
https://www.shirazehind.com/2019/10/blog-post_65.html
जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्थापना सप्ताह में चल रहे राम
कथा में छठवें दिन आचार्य शांतनु जी महाराज ने भगवान राम के वन गमन के बड़ा
मार्मिक ढंग से वर्णन किया। जिस अयोध्या में कौवा और चील राम राम जपते हो
वहां कुसंग के प्रवेश करने पर सब रोने लगे। अयोध्या में एक साथ काम क्रोध
और लोभ का प्रवेश हुआ। उन्होंने भगवान राम के भाइयों के प्रेम को रेखांकित
करते हुए कहा कि कलयुग का भाई विपत्ति बटता था और कलयुग का भाई संपत्ति
बाटता है।परिवार को नहीं तोड़ना चाहिए चाहे जितना भी संघर्ष करना पड़े परिवार
को जोड़े रखना चाहिए। यह मानस सिखाता है।भाई राम के लिये चौदह वर्षों तक
पत्नी से अलग रहकर वैराग्य का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है।
रामकथा में पहुँचें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रतनलाल हांगलु ने कहा कि रामकथा अध्यात्मिक जीवन के लिए ही नहीं आधुनिक जीवन के लिए भी महत्त्वपूर्ण हैं। भगवान राम हमारी आत्मा के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि आज सारी सुख सुविधाएँ है लेकिन मनुष्य की आत्मा सुखी नहीं है, आत्मा इस लिए सुखी नहीं है क्यों कि वह राम के आदर्शों से बहुत दूर है. क्योंकि वह धर्म से दूर है।आज समाज की विसंगतियों को दूर करने के लिए अध्यात्म का दर्शन कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सत्तर देशों में रामकथा लोग सुन रहे है।
कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रतन लाल हांगलु को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल,वित्त अधिकारी एमके सिंह ने कुलसचिव प्रो.नरेन्द्र कुमार शुक्ला, वैज्ञानिक प्रो केपी सिंह,चीफ प्राक्टर प्रो रामसेवक दुबे आदि को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। इस अवसर पर डॉ मनोज द्विवेदी, डॉ रजनीश पांडेय, डॉ संजय पांडेय, डॉ चितरंजन सिंह, प्रो बी.बी तिवारी,परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, डॉ केएस तोमर, प्रो बीडी शर्मा , प्रो एके श्रीवास्तव, प्रो वंदना राय, प्रो अजय द्विवेदी, प्रो अजय प्रताप सिंह, डॉ सतेंद्र प्रताप सिंह, डॉ रवि प्रकाश, एन एस एस समन्वयक राकेश यादव, डॉ संदीप सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ अमरेंद्र सिंह, पूजा सक्सेना, डॉ विनय वर्मा, डॉ राजीव कुमार, डॉ सुशील कुमार सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
रामकथा में पहुँचें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रतनलाल हांगलु ने कहा कि रामकथा अध्यात्मिक जीवन के लिए ही नहीं आधुनिक जीवन के लिए भी महत्त्वपूर्ण हैं। भगवान राम हमारी आत्मा के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि आज सारी सुख सुविधाएँ है लेकिन मनुष्य की आत्मा सुखी नहीं है, आत्मा इस लिए सुखी नहीं है क्यों कि वह राम के आदर्शों से बहुत दूर है. क्योंकि वह धर्म से दूर है।आज समाज की विसंगतियों को दूर करने के लिए अध्यात्म का दर्शन कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सत्तर देशों में रामकथा लोग सुन रहे है।
कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रतन लाल हांगलु को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल,वित्त अधिकारी एमके सिंह ने कुलसचिव प्रो.नरेन्द्र कुमार शुक्ला, वैज्ञानिक प्रो केपी सिंह,चीफ प्राक्टर प्रो रामसेवक दुबे आदि को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। इस अवसर पर डॉ मनोज द्विवेदी, डॉ रजनीश पांडेय, डॉ संजय पांडेय, डॉ चितरंजन सिंह, प्रो बी.बी तिवारी,परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, डॉ केएस तोमर, प्रो बीडी शर्मा , प्रो एके श्रीवास्तव, प्रो वंदना राय, प्रो अजय द्विवेदी, प्रो अजय प्रताप सिंह, डॉ सतेंद्र प्रताप सिंह, डॉ रवि प्रकाश, एन एस एस समन्वयक राकेश यादव, डॉ संदीप सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ अमरेंद्र सिंह, पूजा सक्सेना, डॉ विनय वर्मा, डॉ राजीव कुमार, डॉ सुशील कुमार सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।