बाबा हठयोग ने माँ शारदा देवी के दर्शन के लिए ली भू समाधि
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थानागद्दी (जौनपर) हठ का मतलब जिद्द होता है लेकिन हठ के साथ जब योग जुड़ जाता है, तब उसका मतलब भक्ति व साधना हो जाता है।
केराकत क्षेत्र के नाऊपुर गांव में सुधाकर शुक्ला पुत्र उमेश शुक्ला दस
वर्ष की उम्र में घर बार छोड़कर चला गया था।लगभग 30 साल बाद वापस घर हठ योगी
बाबा बनकर वापस लौट आया।
बाबा की अनोखी भक्ति सामने आई है पिछले वर्ष नवरात्रि में नौ दिन आग जलाकर बीच मे बैठे रहे।
जिसे हठयोग कहा जात है।
हठ का मतलब जिद्द होता है लेकिन हठ के साथ जब योग जुड़ जाता है, तब उसका मतलब आध्यात्मिक हो जाता है। हठ योगी बाबा का दावा है कि उन्होंने कई बार मां शारदा के दर्शन किये हैं। एक बार और वह मां शारदा का दर्शन चाहते है, इसलिए हठयोग कर रहै है।
करीब दस दिनों से अन्न व नमक त्याग करने का दावा करने वाले बाबा का दावा है कि नवरात्रि के दौरान उन्होंने अर्ध भूसमाधि ली है। इसे हठ शय्या भी कहा जा रहा है। गांव में एक मंदिर है जिसका काम आधा अधूरा है लेकिन माहौल नवरात्र के मेले जैसा है मंदिर के बाहर आसपास भक्तों की भीड़ लगी हुई है। दूर-दूर से लोग सुधाकर शुक्ल नाम के इस बाबा को देखने आ रहे थे।
43 वर्षीय सुधाकर शुक्ल का दावा है कि वो हठयोग कर रहे हैं। हठयोग यानी एक तरह की साधना लेकिन इस साधना का तरीका ऐसा है जिसके बारे में आपने सुना तो होगा लेकिन इससे पहले शायद ही देखा हो।
मंदिर के बगल में एक टेंट लगाकर उसके अंदर ढलावनुमा गड्ढा खोदकर बाबा अर्द्ध भू-समाधि की मुद्रा में नजर आए। बाबा के ऊपर का हिस्सा छोड़कर बाकी शरीर जमीन के अंदर है। कमर से नीचे का हिस्सा जमीन के अंदर तो कमर से ऊपर का हिस्सा जमीन के बाहर। जमीन के भीतर और बाहर लेटे बाबा के चारों तरफ मिट्टी। जितना हिस्सा जमीन के अंदर उतने हिस्से पर जौ छीटे गए। महज नौ दिनों में अंकुरित हो जाएंगे।
स्थानीय लोगों के मुताबिक बाबा मां शारदा के भक्त हैं। खुद बाबा भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि सुधाकर बाबा ने 18 सितम्बर से ही अन्न जल त्याग दिया और 29सितम्बर यानी नवरात्र के दूसरे दिन से उन्होंने यहां शय्या लगा ली।तब से बाबा का हठयोग चल रहा है।
बाबा के साथ पूजा पर बैठे पंडित राम अवध ने बताया कि हठ योगी बाबा 8 अक्टूबर को इस शैय्या को छोड़कर बाहर आएंगे।
बाबा की अनोखी भक्ति सामने आई है पिछले वर्ष नवरात्रि में नौ दिन आग जलाकर बीच मे बैठे रहे।
जिसे हठयोग कहा जात है।
हठ का मतलब जिद्द होता है लेकिन हठ के साथ जब योग जुड़ जाता है, तब उसका मतलब आध्यात्मिक हो जाता है। हठ योगी बाबा का दावा है कि उन्होंने कई बार मां शारदा के दर्शन किये हैं। एक बार और वह मां शारदा का दर्शन चाहते है, इसलिए हठयोग कर रहै है।
करीब दस दिनों से अन्न व नमक त्याग करने का दावा करने वाले बाबा का दावा है कि नवरात्रि के दौरान उन्होंने अर्ध भूसमाधि ली है। इसे हठ शय्या भी कहा जा रहा है। गांव में एक मंदिर है जिसका काम आधा अधूरा है लेकिन माहौल नवरात्र के मेले जैसा है मंदिर के बाहर आसपास भक्तों की भीड़ लगी हुई है। दूर-दूर से लोग सुधाकर शुक्ल नाम के इस बाबा को देखने आ रहे थे।
43 वर्षीय सुधाकर शुक्ल का दावा है कि वो हठयोग कर रहे हैं। हठयोग यानी एक तरह की साधना लेकिन इस साधना का तरीका ऐसा है जिसके बारे में आपने सुना तो होगा लेकिन इससे पहले शायद ही देखा हो।
मंदिर के बगल में एक टेंट लगाकर उसके अंदर ढलावनुमा गड्ढा खोदकर बाबा अर्द्ध भू-समाधि की मुद्रा में नजर आए। बाबा के ऊपर का हिस्सा छोड़कर बाकी शरीर जमीन के अंदर है। कमर से नीचे का हिस्सा जमीन के अंदर तो कमर से ऊपर का हिस्सा जमीन के बाहर। जमीन के भीतर और बाहर लेटे बाबा के चारों तरफ मिट्टी। जितना हिस्सा जमीन के अंदर उतने हिस्से पर जौ छीटे गए। महज नौ दिनों में अंकुरित हो जाएंगे।
स्थानीय लोगों के मुताबिक बाबा मां शारदा के भक्त हैं। खुद बाबा भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि सुधाकर बाबा ने 18 सितम्बर से ही अन्न जल त्याग दिया और 29सितम्बर यानी नवरात्र के दूसरे दिन से उन्होंने यहां शय्या लगा ली।तब से बाबा का हठयोग चल रहा है।
बाबा के साथ पूजा पर बैठे पंडित राम अवध ने बताया कि हठ योगी बाबा 8 अक्टूबर को इस शैय्या को छोड़कर बाहर आएंगे।