छुट्टा पशुओं की समस्या के समाधान हेतु कृत्रिम गर्भाधान

जौनपुर।  मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा0 वीरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश एवं जनपद में कृत्रिम गर्भाधान की तकनीकी की सफलता के बाद गोवंश के अनुपयोग शावकों व छुट्टा पशुओं की समस्या के समाधान हेतु कृत्रिम गर्भाधान में वर्गीकत सेक्स्ड सीमेन कृत्रिम गर्भाधान कराकर गोवंशीय मादा संतंतियों या बछियों को पैदा किए जाने की एक नई तकनीक है, इस तकनीकी के माध्यम से जनपद जौनपुर में कार्य प्रारंभ हो गया है वर्तमान में 550 डोज वर्गीकृत वीर्य की उपलब्धता कराई गई है। जिसे जनपद के प्रत्येक तहसील में 30-30 गोवंश हेतु प्रत्येक विकासखण्ड स्तरीय पशु चिकित्सालय पर 20-20 डोज एवं प्रत्येक स्टेट पशु चिकित्सालय पर 5-5 डोज स्ट्रा उपलब्ध कराया गया है। जिसे अच्छी नस्ल के स्वदेशी स्वथ्य गायों में प्रयोग किया जाएगा। वर्गीकृत वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान का शुल्क रु0 300 रु0 रखा गया है। कृत्रिम गर्भाधान में सामान्य वीर्य के उपयोग से 50 प्रतिशत नरध्तथा 50 प्रतिशत मादा संतति उत्पन्न होती है। परंतु वर्गीकृत सेक्स्ड सीमेन के उपयोग से 90 प्रतिशत मादा तथा 10 प्रतिशत नर संतति उत्पन्न होती है। वर्गीकृत वीर्य का उपयोग वैश्विक स्तर पर दुधारू पशुओं में तेजी से किया जा रहा है भारत में वर्गीकृत वीर्य के प्रारम्भिक उत्पादन हेतु सेक्स्ड साटेड मशीन, पश्चिम बंगाल गो संपदा विकास संस्थान हरीनगढ़ गट्टा, पश्चिम बंगाल द्वारा वर्ष 2009 में स्थापित की गई। जिसके द्वारा प्रतिदिन 40 से 50  वीर्य स्ट्राज का उत्पादन हो रहा है। पंजाब राज्य सरकार द्वारा प्रथम बार पीएलडीबी के माध्यम से अमेरिका के प्रजनन कार्यक्रम से  जुटी संस्थाओं के सहयोग से 5000 डोज वर्गीकृत वीर्य स्ठªाज क्रय कर कृत्रिम गर्भाधान से मादा संततियों उत्पन्न की गई तथा इस कार्यक्रम में वर्गीकृत वीर्य स्ट्राज आपूर्ति करने वाली संस्थाओं द्वारा मादा संततियों का लिंगानुपात लगभग 90 प्रतिशत रहने का दावा किया गया। वर्तमान में उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ के माध्यम से संचालित राज्य योजना अंतर्गत एबीएम ग्लोबल द्वारा उत्पादित स्वदेशी गोवंशीय वर्गीकृत वीर्य स्ट्राच की उपलब्धता प्रदेश के सभी जनपदों में चरणबद्ध ढंग से कराई जा रही है। यह कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है इसके लिए जनपद में सभी उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारीध्पशु चिकित्सा अधिकारीध्पशुधन प्रसार अधिकारियोध्कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता तथा पशुपालकों को प्रशिक्षित कर दिया गया है। कृत्रिम गर्भाधान का अभिलेखीकरण इनाफ पोर्ल्टर पर किया जाएगा एवं जिन पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा, उसकी शत-प्रतिशत इयर टैगिंग एवं फोटोग्राफी किया जाना आवश्यक है।
 

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