डेगूं और मलेरिया होने पर नपेगें ग्राम प्रधान
https://www.shirazehind.com/2019/10/blog-post_456.html
जौनपुर। विभिन्न प्रकार के बुखार की चपेट में आ रहे लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी तय कर दी है। गांव-गांव फॉगिग कराने को विभाग प्रधान को दस हजार रुपये दे रहा है। इसके बावजूद गांव के किसी व्यक्ति को डेंगू, मलेरिया, टायफाइड का बुखार पाया जाता है तो प्रधान को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। यही नहीं रोगी का इलाज कराने को संबंधित प्रधान से रुपये लिए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों से काफी लोग बुखार की चपेट में हैं। कुछ लोगों में मलेरिया तो कुछ लोगों में टायफाइड की पुष्टि हो रही है। ग्रामीण अंचलों में फॉगिग और सफाई न होने से मच्छर पनपते हैं। जिस कारण लोग विभिन्न रोगों से ग्रसित हो जाते हैं। ऐसे में लोगों को बीमारी से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रधान को फागिग कराने के लिए दस हजार रुपये देगा। यह धनराशि संबंधित एएनएम और प्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर से निकलेगी। उक्त धनराशि से प्रधानों को अपने-अपने क्षेत्रों में फॉगिग व सफाई करानी होगी। प्रस्ताव के बाद विभाग जरूरत के हिसाब से प्रधान को धनराशी और देगा। अगर गांव में किसी को डेंगू, मलेरिया और टायफाइड पाया जाता है तो संबंधित प्रधान को जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे रोगी के इलाज का खर्चा लिया जाएगा। मलेरिया विभाग के सूत्रों ने बताया कि फॉगिग कराने के लिए प्रधानों को दस हजार रुपये दिए जा रहे हैं। अगर गांव में डेंगू का मरीज मिला तो रोगी के इलाज कराने का खर्चा प्रधान से लिया जाएगा। सीएमओ कार्यालय के अनुसार पांच-पांच हजार रुपये दो बार में दिए जाते हैं, ताकि इस धनराशि का सदउपयोग कर आवश्यकता अनुसार खर्च करें। इन रुपये से प्रधान को फागिग और सफाई करानी होगी। ताकि लोग बीमारियों से बच सकें। अगर किसी को डेंगू हुआ तो प्रधान को मरीज का इलाज कराना होगा।