केराकत में गोमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
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जौनपुर। बारिश थमने के बाद भी गोमती व सई नदी के तटवर्ती इलाकों में रह रहे
लोगों की मुश्किलें थम नहीं रही हैं। सई नदी के उफान पर होने की वजह से
तेजी बाजार क्षेत्र के तुरकौली भवानी गढ़ के लगभग दस परिवार दूसरों के घरों
में शरण लिए हुए हैं। वहीं केराकत में गोमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान
से ऊपर पहुंचने पर स्थानीय लोगों में दहशत है। प्रशासन अभी पूरी तरह से
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का पता नहीं लगा सका है। तहसीलों से भेजी गई
रिपोर्ट के आधार पर अभी तक 175 पीड़ितों को सहायता राशि मुहैया कराई गई है।
सई नदी का जलस्तर बढ़ने से रामसमुझ यादव, चंद्रबली, रामाश्रय, त्रिभुवनराम, उदय राज, नकुल, अर्जुन समेत अन्य कई परिवार दूसरों के घरों में शरण ले लिये हैं। इसके अलावा सड़क डूबने से आस-पास के लोगों को गांव पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही फसलें डूबने से किसान भी परेशान हैं।
केराकत प्रतिनिधि अनुसार: गोमती का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने से स्थानीय लोगों में दहशत बढ़ गई है। हालांकि बारिश न होने की वजह से जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। सरोजबड़ेवर, सरौनी, चकरारेत, जोखुवाना, पसेवा के आस-पास पानी अभी भी भरा है। वहीं बदलापुर क्षेत्र में पीली नदी का जलस्तर कम होने से आस-पास के लोगों ने राहत की सांस ली है। बोले अधिकारी..
अभी तक 313 कच्चे मकान गिरने की सूचना मिली है, जिनमें 153 पीड़ितों को सहायता राशि मुहैया कराई जा चुकी है। स्थिति पर नजर रखने को लेकरर सभी एसडीएम को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। कुछ स्थानों पर तहसीलदार पहुंच भी रहे हैं। प्रभावित लोगों के मदद का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
सई नदी का जलस्तर बढ़ने से रामसमुझ यादव, चंद्रबली, रामाश्रय, त्रिभुवनराम, उदय राज, नकुल, अर्जुन समेत अन्य कई परिवार दूसरों के घरों में शरण ले लिये हैं। इसके अलावा सड़क डूबने से आस-पास के लोगों को गांव पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही फसलें डूबने से किसान भी परेशान हैं।
केराकत प्रतिनिधि अनुसार: गोमती का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने से स्थानीय लोगों में दहशत बढ़ गई है। हालांकि बारिश न होने की वजह से जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। सरोजबड़ेवर, सरौनी, चकरारेत, जोखुवाना, पसेवा के आस-पास पानी अभी भी भरा है। वहीं बदलापुर क्षेत्र में पीली नदी का जलस्तर कम होने से आस-पास के लोगों ने राहत की सांस ली है। बोले अधिकारी..
अभी तक 313 कच्चे मकान गिरने की सूचना मिली है, जिनमें 153 पीड़ितों को सहायता राशि मुहैया कराई जा चुकी है। स्थिति पर नजर रखने को लेकरर सभी एसडीएम को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। कुछ स्थानों पर तहसीलदार पहुंच भी रहे हैं। प्रभावित लोगों के मदद का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।