पीएचडी संघर्ष मोर्चा ने रिक्शा चलाकर जताया कुलपति का विरोध

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा में हुई भारी धाधली की निष्पक्ष जांच कराये जाने कि मांग को लेकर पीएचडी संघर्ष मोर्चा लगातार आंदोलनरत हैं।
         पीएचडी संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधित्वकर्ता दिव्यप्रकाश सिंह के नेतृत्व में आंदोलन के प्रथम दिन कलेक्ट्रेट में धरना कर जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश को ज्ञापन देकर एक सप्ताह का समय मांगा था लेकिन सप्ताह बीत जाने के बाद कोई सुनवाई न होने पर नगर स्थित बड़े हनुमान मंदिर के प्रांगण में विश्वविद्यालय प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए हवन-यज्ञ किये एवं विश्वविद्यालय प्रशासन का प्रतीकात्मक पुतला फुंका, उनके प्रतीकात्मक तस्वीर पर कालिख पोत गुस्से का इजहार कर चुके पीएचडी अभ्यर्थीयों ने आज शुक्रवार को नगर स्थित रोडवेज तिराहे से लेकर अम्बेडकर तिराहे तक रिक्शा चलाकर व विश्विद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध जताया। कलेक्ट्रेट चौराहे पर इन प्रदर्शनकारी छात्रों को देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
        मोर्चा के प्रतिनिधित्वकर्ता दिव्यप्रकाश सिंह ने कहा कि विदित हो कि 24 सितम्बर 2019 को पुर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में 2750 अभ्यर्थी पीएचडी प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हुए दिनांक 25 सितम्बर 2019 को आये परीक्षा परिणाम में सफल हुए अभ्यर्थीयों को एक सप्ताह बाद संसोधित परीक्षा परिणाम का हवाला देते हुए आखिर किन कारणों द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा असफल घोषित कर दिया गया। हम पीएचडी प्रवेश परीक्षा के अभ्यर्थीयों ने विश्वविद्यालय द्वारा करायी गयी पीएचडी प्रवेश परीक्षा के परिणाम की न्यायिक व निष्पक्ष जांच कराने की मांग राज्यपाल उत्तर प्रदेश से की है। उन्होंने कहा कि जब तक पीएचडी प्रवेश परीक्षा की न्यायिक जांच का आदेश नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रखेंगे। पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि हम लोगों की मांगे जायज है और विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर हीलाहवाली कर रहा है। जो कि पीएचडी अभ्यर्थियों के साथ सुनियोजित धोखा है। विश्वविद्यालय प्रशासन हम लोगों की जायज मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे अन्यथा अब आंदोलन को और भी उग्र किया जाएगा। पीएचडी अभ्यर्थीयों ने जनपद के सभी राजनैतिक दलों,समाजसेवी संगठनों, बुद्धिजीवी वर्ग,छात्र संगठनों व जनप्रतिनिधियों से भी मदद की गुहार लगायी है।
         संघर्षरत पीएचडी अभ्यर्थीयों के आंदोलन को धार देने पहुचे सपा नेता अतुल सिंह व अधिवक्ता विकास तिवारी ने संयुक्त रूप से कहा कि विगत दिनों पुर्वांचल विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा में जिन अभ्यर्थीयों को परीक्षा परिणाम में सफल किया गया था आखिरकार उन्हें क्यो एक सप्ताह बाद संशोधित परीक्षा परिणाम का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा असफल घोषित किया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि आकण्ठ भ्रष्टाचार में लिप्त विश्वविद्यालय प्रशासन पैसा लेकर परीक्षा परिणाम को सुनियोजित ढंग से बदलने का काम किया है। इसके पीछे पैसों का लंबा खेल हुआ है। पीएचडी अभ्यर्थीयों नें कुलपति से मिलकर बदले गये परीक्षा परिणाम के सन्दर्भ में शिकायत करने की कोशिस की लेकिन अहंकार में आत्ममुग्ध कुलपति व विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और किसी प्रकार की कोई कार्यवाही आज तक सुनिश्चित नही की गई। उन्होंने कहा कि छात्रहित से जुड़े गम्भीर मामलों मे जनपद ही नही बल्कि पूरे पूर्वांचल के बौद्धिक व सामाजिक तपके को पीएचडी अभ्यर्थीयों के साथ इस न्यायिक लडाई में खडा होना चाहिए। अधिवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि जनसूचना अधिकार के तहत पीएचडी परीक्षा परिणाम से संबंधित कुछ प्रमुख बिन्दुओ पर  विश्विद्यालय से सूचना मांगी गई है जवाब मिलते ही उच्च न्यायालय का रास्ता अख्तियार किया जाएगा। उन्होंने संघर्ष मोर्चा के जायज आंदोलन को और भी वृहद रूप देने हेतु छात्रों से सहयोग की अपील की है।
            उक्त अवसर पर प्रमुख रूप से गौरव सिंह चंचल,संजय सोनकर गोपाल,विजय प्रताप, शिवम सिंह, अमित श्रीवास्तव,नीरज यादव, सचिन यादव,मोनू,चंद्रपाल,संदीप,अनुश्री,प्रियंका यादव,रामबचन यादव,शशांक मिश्र,अभय,अमन,रूपेंद्र सोनकर,गौरव समेत इत्यादि पीड़ित अभ्यर्थी व सहयोगी उपस्थित रहे।

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