इल्म की रोशनी अंधेरे से उजाले की ओर ले जाती हैः सै. मोहम्मद हसन
https://www.shirazehind.com/2019/10/blog-post_204.html
जौनपुर। नगर के मोहल्ला कटघरा के नसीर हाउस में कदीमी अशरा-ए-मजलिस 35 साल
पुरानी रवायत के मुताबिक इस साल भी पहली से 10 सफर तक चली जिसमें 9 उलेमा
और जाकिरीन ने पैगाम-ए-इंसानियत दिया। मजलिस को सम्बोधित करते हुये जनाब
मौलाना फहफुजूल हसन खां, मौलाना फजले मुमताज खां, मौलाना तनवीर अहमद खां,
मौलाना मरगूब आलम, मौलाना सलमान अली, मौलाना मोहम्मद अब्बास, डा. कमर
अब्बास, असलम अनवर नकवी, हुसैनी फोरम इण्डिया के अध्यक्ष सै. मोहम्मद हसन
ने खिताब किया।
इन मजलिसों की सोजखानी जनाब महताब हुसैन और उनके साथियों ने किया। पेशखानी के फरायस को अंजाम जनाब तालिब रजा शकील एडवोकेट, आकिब बरसरवी, मिर्जा हसनैन ने दिया। अशरे की आखिरी मजलिस को सम्बोधित करते हुये हुसैनी फोरम इण्डिया के अध्यक्ष सै. मोहम्मद हसन ने कहा कि इल्म की रोशनी अंधेरे से उजाले की ओर ले जाती है, इसलिये इंसानियत को अगर बचाना है तो समाज को उच्च शिक्षा ग्रहण करनी होगी, ताकि समाज के साथ-साथ पूरे देश का भी विकास हो सके। बीबी सकीना का मसायब सुनकर उपस्थित जनसमूह दहाड़ें मारकर रोने लगा।
बाद खत्म मजलिस सबीहे ताबूत बीबी सकीना व अलम हजरत-ए-अब्बास बरामद हुआ। अलम व ताबूत की जियारत के लिये महिलाएं, बच्चे व पुरूषों ने जियारत की और मन्नत मांगीं। जुलूस के हमराह अंजुमन बज्मे अजा और अंजुमन हैदरी आजमगढ़ नौहा मातम करते हुये कदीमी रास्ते से होते हुये कटघरा कर्बला पहुंचेर जहां जुलूस का समापन हो गया।
उक्त जुलूस को सम्पन्न कराने में मुख्य रूप से मिर्जा बाबर, मिर्जा बाकर, जियारत हुसैन, मिर्जा रूशेद, यावर खां, ए.एम. डेजी, मिर्जा जावेद सुल्तान, तहसीन अब्बास सोनी, दानिश, आकिब, महताब एवं बानिए जुलूस व अशरा के आयोजक अहसन रिजवी नजमी, मोहम्मद नसीर तहसीन, फैसल नसीर, अहमद नसीर ने सभी मोममीन व जाकरीन का शुक्रिया अदा किया।
इन मजलिसों की सोजखानी जनाब महताब हुसैन और उनके साथियों ने किया। पेशखानी के फरायस को अंजाम जनाब तालिब रजा शकील एडवोकेट, आकिब बरसरवी, मिर्जा हसनैन ने दिया। अशरे की आखिरी मजलिस को सम्बोधित करते हुये हुसैनी फोरम इण्डिया के अध्यक्ष सै. मोहम्मद हसन ने कहा कि इल्म की रोशनी अंधेरे से उजाले की ओर ले जाती है, इसलिये इंसानियत को अगर बचाना है तो समाज को उच्च शिक्षा ग्रहण करनी होगी, ताकि समाज के साथ-साथ पूरे देश का भी विकास हो सके। बीबी सकीना का मसायब सुनकर उपस्थित जनसमूह दहाड़ें मारकर रोने लगा।
बाद खत्म मजलिस सबीहे ताबूत बीबी सकीना व अलम हजरत-ए-अब्बास बरामद हुआ। अलम व ताबूत की जियारत के लिये महिलाएं, बच्चे व पुरूषों ने जियारत की और मन्नत मांगीं। जुलूस के हमराह अंजुमन बज्मे अजा और अंजुमन हैदरी आजमगढ़ नौहा मातम करते हुये कदीमी रास्ते से होते हुये कटघरा कर्बला पहुंचेर जहां जुलूस का समापन हो गया।
उक्त जुलूस को सम्पन्न कराने में मुख्य रूप से मिर्जा बाबर, मिर्जा बाकर, जियारत हुसैन, मिर्जा रूशेद, यावर खां, ए.एम. डेजी, मिर्जा जावेद सुल्तान, तहसीन अब्बास सोनी, दानिश, आकिब, महताब एवं बानिए जुलूस व अशरा के आयोजक अहसन रिजवी नजमी, मोहम्मद नसीर तहसीन, फैसल नसीर, अहमद नसीर ने सभी मोममीन व जाकरीन का शुक्रिया अदा किया।