नजूल की जमीन पर बनी दुकान पर कब्जा

जौनपुर। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार समाप्त करने का कवायद कर रही है लेकिन प्रशासन पर इसका असर नहीं दिख रहा है अधिकारी खुलेआम लूटपाट और कमीशनखोरी में लिप्त है। अफसरों की लूट खसोट के चलते बिना मकान और जमीन के दवा बेचने का लाइसेन्स दे दिया जा रहा है। भूमाफिया दलितों की जमीन जो नजूल की है खाली कराकर आनन फानन में एक माह पूर्व मेडिकल स्टोर खोला गया फिर बन्द कर नवरात्रि में मेडिकल स्टोर का नाम बदलकर फिर खोल लिया गया। यह कारनाम जिला अस्पताल के गेट पर अक्रिमण कर किया गया। इसी रास्ते से प्रशासनिक अधिकारी आते जाते है लेकिन नजूल की जमीन पर अवैध कब्जा उन्हे नहीं दिखता। बताते है कि भूमाफिया ने नगर पालिका और सम्बन्धित अधिकारियों को मोटी रकम देकर दुकान खोल लिया। यह बात चर्चा आने के बाद अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहे है। आलम यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने सुविधा शुल्क लेकर बगैर जमीन के मालिकाना हक व नगर पालिका में नाम दर्ज हुए मेडिकल स्टोर का लाइसेन्स दे दिया। नगर पालिका ने भी जमीन पर कब्जा हटाने के नाम पर चुप्पी साध ली। सरकार ने 2005 से नजूल की जमीन पर पटटा देना संभवतःबन्द कर दिया है। तमाम लोग रजिस्ट्री कराकर सालों से बैठे है लेकिन नगर पालिका में नाम दर्ज नहीं हो रहा है। इसके बावजूद जिला अस्पताले के गेट पर सालों से रह कर दलितों द्वारा रोजी रोटी चलाया जाता रहा उन्हे मुंहमांगी रकम देकर मकान व दुकान में मेडिकल स्टोर खोल लिया गया।   नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन दिनेश टण्डन ने बताया कि नजूल की जमीन पर कब्जा रोकने व पट्टा करने का अधिकार अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व को है। टैक्स अधीक्षक ओपी यादव ने कहा कि नगर पालिका कुछ नहीं कर सकता। उच्चाधिकारियों के आदेश पर नजूल की जमीन पर से कब्जा हटाया जायेगा।

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