नहीं मिली सूचना , जनसूचना अधिकारी को 25 हजार रुपये अर्थदंड का अल्टीमेटम
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जौनपुर। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के दुष्कर्म व हत्या के मामले में
मांगी गई सूचना न देने पर राज्य सूचना आयोग ने एसपी कार्यालय के जनसूचना
अधिकारी को 25 हजार रुपये अर्थदंड का अल्टीमेटम देते हुए 21 अक्टूबर को
राज्य सूचना आयोग में तलब किया है। तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष रंजना सचान
द्वारा की गई विवेचना के संबंध में मांगी गई सूचनाएं नहीं दी गई। दुष्कर्म व
हत्या का यह मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट
ने डाक्टर व विवेचक को बयान के लिए तलब किया है।
सरायख्वाजा के धन्नोपुर निवासी आरोपित सूरज पर 2014 में युवती से दुष्कर्म कर उसे जलाकर मारने का आरोप है। मुकदमा विचाराधीन रहने के दौरान आरोपित ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के जनसूचना अधिकारी से सूचना मांगा कि मृतका का मृत्यु पूर्व बयान तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष रंजना सचान द्वारा लिया गया। उन्हें किसके आदेश से बयान के लिए अधिकृत किया गया। क्या पुलिस द्वारा बयान सादे कागज पर लिया जा सकता है। सात फरवरी 2014 को रंजना सचान की थाने से रवानगी एवं वापसी की जीडी की प्रति उपलब्ध कराया जाए। मृतका के बयान के पूर्व अस्पताल प्रशासन या सीएमओ से अनुमति आवश्यक है अथवा नहीं यह सूचना उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा अन्य सूचनाएं सूरज द्वारा मांगी गई जिसे उपलब्ध नहीं कराया गया। उसने प्रथम अपील एडीजीपी वाराणसी जोन में किया वहां से भी सूचना न मिलने पर राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल की। राज्य सूचना आयोग के आयुक्त ने एसएसपी आफिस के जन सूचना अधिकारी को नोटिस जारी किया कि सूचना की प्रति एवं स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दाखिल करें कि सूचना उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई। सूचना न देने का दोषी पाते हुए क्यों न उन्हें अधिनियम की धारा 20(1) के तहत 25 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया जाए।
सरायख्वाजा के धन्नोपुर निवासी आरोपित सूरज पर 2014 में युवती से दुष्कर्म कर उसे जलाकर मारने का आरोप है। मुकदमा विचाराधीन रहने के दौरान आरोपित ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के जनसूचना अधिकारी से सूचना मांगा कि मृतका का मृत्यु पूर्व बयान तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष रंजना सचान द्वारा लिया गया। उन्हें किसके आदेश से बयान के लिए अधिकृत किया गया। क्या पुलिस द्वारा बयान सादे कागज पर लिया जा सकता है। सात फरवरी 2014 को रंजना सचान की थाने से रवानगी एवं वापसी की जीडी की प्रति उपलब्ध कराया जाए। मृतका के बयान के पूर्व अस्पताल प्रशासन या सीएमओ से अनुमति आवश्यक है अथवा नहीं यह सूचना उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा अन्य सूचनाएं सूरज द्वारा मांगी गई जिसे उपलब्ध नहीं कराया गया। उसने प्रथम अपील एडीजीपी वाराणसी जोन में किया वहां से भी सूचना न मिलने पर राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल की। राज्य सूचना आयोग के आयुक्त ने एसएसपी आफिस के जन सूचना अधिकारी को नोटिस जारी किया कि सूचना की प्रति एवं स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दाखिल करें कि सूचना उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई। सूचना न देने का दोषी पाते हुए क्यों न उन्हें अधिनियम की धारा 20(1) के तहत 25 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया जाए।