कर्मचारियों ने 15 अक्टूबर से कामकाज ठप कर आंदोलन की दी चेतावनी
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जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के चुनाव के
लिए गुरुवार को पूर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामजी सिंह के नेतृत्व में
कर्मचारियों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया। चुनाव अधिकारी पर मनमानी का आरोप
लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। कहा कि अगर 14 अक्टूबर तक चुनाव प्रक्रिया
संपन्न नहीं हुई तो 15 अक्टूबर से कामकाज ठप कर आंदोलन करेंगे।
विश्वविद्यालय से शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के चुनाव को संपन्न कराने के पूर्व कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कुलपति से मिलकर चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा। जिस पर दो महीने बाद कुलपति ने निर्णय लेते हुए प्रो.अजय प्रताप सिंह को चुनाव अधिकारी नामित किया। कर्मचारियों का कहना है कि 19 सितंबर को ही चुनाव तिथि निर्धारण होना था लेकिन चुनाव अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए टाल मटोल करते हैं। उन्होंने आजकल की बात कहकर कई बार कर्मचारियों को लौटा दिया। जिसके बाद चुनाव अधिकारी की मंशा पर लोग सवाल खड़े करने लगे। कहा कि चार अक्टूबर तक चुनाव कराने का आश्वासन दिया गया था लेकिन तीन अक्टूबर तक उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया। जिससे आक्रोशित कर्मचारियों ने तीन अक्टूबर को चुनाव अधिकारी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस मौके पर अश्वनी कुमार सिंह, आनंद कुमार सिंह, श्याम कुमार सिंह, सुरेश कुमार सिंह, देवेंद्र कुमार सिंह, छत्रपाल, विनय प्रताप, राकेश श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार, घनश्याम यादव समेत 120 कर्मचारी शामिल रहे।
विश्वविद्यालय से शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के चुनाव को संपन्न कराने के पूर्व कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कुलपति से मिलकर चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा। जिस पर दो महीने बाद कुलपति ने निर्णय लेते हुए प्रो.अजय प्रताप सिंह को चुनाव अधिकारी नामित किया। कर्मचारियों का कहना है कि 19 सितंबर को ही चुनाव तिथि निर्धारण होना था लेकिन चुनाव अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए टाल मटोल करते हैं। उन्होंने आजकल की बात कहकर कई बार कर्मचारियों को लौटा दिया। जिसके बाद चुनाव अधिकारी की मंशा पर लोग सवाल खड़े करने लगे। कहा कि चार अक्टूबर तक चुनाव कराने का आश्वासन दिया गया था लेकिन तीन अक्टूबर तक उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया। जिससे आक्रोशित कर्मचारियों ने तीन अक्टूबर को चुनाव अधिकारी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस मौके पर अश्वनी कुमार सिंह, आनंद कुमार सिंह, श्याम कुमार सिंह, सुरेश कुमार सिंह, देवेंद्र कुमार सिंह, छत्रपाल, विनय प्रताप, राकेश श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार, घनश्याम यादव समेत 120 कर्मचारी शामिल रहे।