बच्चा चोर के अफ़वाह को कुचलने के लिए बच्चे आये आगे
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जौनपुर । अफवाओं का दौर ऐसा चला है कि,
पलाश को भी लोग आग समझ, भागने लगे हैं। आज जहां साक्षरता दर कम है वहां अफ़वाहें बहुत तेजी से फैलते हैं। कुछ ऐसा ही इस समय बच्चा चोर का चल रहा है। इसके कारण ग्रामीणांचल के विद्यालयों में अभिभावक डर के कारण अपने बच्चों को भेज नही रहे हैं। शिक्षक घर-घर जाकर समझा रहे हैं कि ऐसा कुछ नही है, ये मात्र अफ़वाह है मगर वे समझने या मानने को तैयार नही है। पर कहते हैं जब बच्चे ही समझाने लगे तो अफवाओं की हवा निकलनी तय है। सिकरारा के सई नदी के किनारे सरपतों और झुरमुट में बसा प्राथमिक विद्यालय लखेसर के बाल संसद के बच्चों ने आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभाई और अभिभावकों को फ़ोन करके समझाना शुरू किया। हेलो! अंकल मैं प्राथमिक विद्यालय लखेसर के बाल संसद वांशी बोल रही हूँ। आप कैसे हैं? अंकल अखिलेश नही आया आज?निवेदन है आप अफवाओं से न डरें उसे विद्यालय भेजें ।
बच्चों ने फ़ोन करके अभिभावकों को जागरूक किया जिसमें उन्होंने ग्राम प्रधान श्रीमती निशा तिवारी जी का सहयोग लिया। प्रधान जी ने अभिभावकों को सुरक्षा तंत्र पर विश्वास रखने के लिए कहा और ऐसे अफवाओं से बच्चों के भविष्य को न बिगाड़े। विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष ने अपने सदस्यों के साथ गांव में भ्रमण किया और इस बात से लड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गाँववालों को समझाया कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। शिक्षा ही उन्नति का मार्ग है और ये अफवाएं उनके बाधक, जिनसे तोड़कर ही आगे बढ़ा जा सकता है। प्रधानाध्यापक श्री रमेश चन्द्र यादव जी ने बच्चों के इस कदम की सराहना की और उन्हें हर मुसीबत का ऐसे ही सामना करने की सीख दी। अध्यापक शिवम सिंह ने बच्चों को ऐसे परिस्थितियों से बचने के आसान तरीक़े बताये। जिससे बच्चों में डर कम हुआ और लड़ने का हौसला बढ़ा है। इस अवसर पर शिक्षक मुकेश दुबे, कुसुम मिश्रा, बबिता यादव, नीलम मिश्रा आंगनबाड़ी ने बच्चों और अभिभावकों का हौसला बढ़ाया।
पलाश को भी लोग आग समझ, भागने लगे हैं। आज जहां साक्षरता दर कम है वहां अफ़वाहें बहुत तेजी से फैलते हैं। कुछ ऐसा ही इस समय बच्चा चोर का चल रहा है। इसके कारण ग्रामीणांचल के विद्यालयों में अभिभावक डर के कारण अपने बच्चों को भेज नही रहे हैं। शिक्षक घर-घर जाकर समझा रहे हैं कि ऐसा कुछ नही है, ये मात्र अफ़वाह है मगर वे समझने या मानने को तैयार नही है। पर कहते हैं जब बच्चे ही समझाने लगे तो अफवाओं की हवा निकलनी तय है। सिकरारा के सई नदी के किनारे सरपतों और झुरमुट में बसा प्राथमिक विद्यालय लखेसर के बाल संसद के बच्चों ने आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभाई और अभिभावकों को फ़ोन करके समझाना शुरू किया। हेलो! अंकल मैं प्राथमिक विद्यालय लखेसर के बाल संसद वांशी बोल रही हूँ। आप कैसे हैं? अंकल अखिलेश नही आया आज?निवेदन है आप अफवाओं से न डरें उसे विद्यालय भेजें ।
बच्चों ने फ़ोन करके अभिभावकों को जागरूक किया जिसमें उन्होंने ग्राम प्रधान श्रीमती निशा तिवारी जी का सहयोग लिया। प्रधान जी ने अभिभावकों को सुरक्षा तंत्र पर विश्वास रखने के लिए कहा और ऐसे अफवाओं से बच्चों के भविष्य को न बिगाड़े। विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष ने अपने सदस्यों के साथ गांव में भ्रमण किया और इस बात से लड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गाँववालों को समझाया कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। शिक्षा ही उन्नति का मार्ग है और ये अफवाएं उनके बाधक, जिनसे तोड़कर ही आगे बढ़ा जा सकता है। प्रधानाध्यापक श्री रमेश चन्द्र यादव जी ने बच्चों के इस कदम की सराहना की और उन्हें हर मुसीबत का ऐसे ही सामना करने की सीख दी। अध्यापक शिवम सिंह ने बच्चों को ऐसे परिस्थितियों से बचने के आसान तरीक़े बताये। जिससे बच्चों में डर कम हुआ और लड़ने का हौसला बढ़ा है। इस अवसर पर शिक्षक मुकेश दुबे, कुसुम मिश्रा, बबिता यादव, नीलम मिश्रा आंगनबाड़ी ने बच्चों और अभिभावकों का हौसला बढ़ाया।