स्कूलों की रसोई में आग से बचाव का इन्तजाम नहीं
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जौनपुर। शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को मध्यान्ह भोजन के लिए जिले के समस्त विद्यालयों पर एलपीजी गैस सिलेंडर तो उपलब्ध करवा दिया गया, लेकिन किसी आपात स्थिति में इसके दुष्परिणाम से बचने का कोई विकल्प किसी विद्यालय पर उपलब्ध नहीं है। लिहाजा किसी आग की दुर्घटना की स्थिति में विद्यालय में बच्चों की जान हमेशा खतरे में बनी हुई है। इससे निपटने के लिए न तो कोई आकस्मिक दुर्घटना बचाव प्रणाली ही विकसित की गई है और न ही अभी तक सभी विद्यालयों में अग्निशमन यंत्र ही उपलब्ध है। हलांकि शासन से सर्वत्र अग्निशमन यंत्र रखने के लिए धन भी जारी हुए थे, उसके अनुपालन में जहां यह अग्निशमन यंत्र उपलब्ध है वहां भी इसे चलाने का ज्ञान बहुतों के पास नहीं है। लिहाजा ऐसी स्थिति में किसी दिन किसी बड़ी दुर्घटना की सूरत से इंकार नहीं किया जा सकता। प्राथमिक विद्यालयों में खाना बनाते समय आग से सुरक्षा को लेकर रसोइयों को आग से बचाव की तकनीकी जानकारी उपलब्ध न कराए जाने से उनके द्वारा भी गलती का डर हमेशा बना रहता है। खाना बनाते समय तकनीकी रूप से सिलेंडर व चूल्हे की अवस्था, पाइप व रेगुलेटर को लेकर बरती जाने वाली सावधानियां, किसी आपात स्थिति में उससे बचने व उसके शमन की जानकारी, सुरक्षा के प्रमुख नियम आदि ऐसे कई बिदु है जिनका रसोइयों को विशेष रूप से जानकारी होनी चाहिए। ताकि किसी भी आपात स्थिति में आग के सबसे करीब मौजूद महिला अथवा व्यक्ति को समस्या से निपटने की वास्तविक जानकारी हो।