कृषि विभाग के कर्मचारियों के करीबी रिश्तेदारो को मिला है स्प्रिंकलर योजना का लाभ

जौनपुर। स्प्रिंकलर घोटाले की परत दर परत खुलती जा रही है। इस योजना का लाभ मां बाप और बेटा को देकर पैसा निकाल लिया गया वही कृषि विभाग के कर्मचारियों ने अपनी माँ , बहन और पत्नी को इस योजना लाभ दिलवा दिया। हलांकि इस मामले की जांच डीएम खुद करवा रहे है लेकिन अभी तक जांच अधिकारी किसी नतीजे पर नही पहुंच पाये है।
सूबे की योगी सरकार ने अतिदोहित, क्रिटिकल एवं सेमी क्रिटिकल विकास खंडों में जल संचय के लिए स्प्रिंकलर सचाई प्रणाली योजना चलाई है। इसमें लघु- सीमांत किसानों को 90 प्रतिशत व समान्य कृषकों को 80 प्रतिशत अनुदान पर स्प्रिंकलर सेट और डीजल पंप दिया जाता है। जनपद के 14 विकास खंडों में चल रही इस योजना के तहत वर्ष 2018-19 में 350 लक्ष्य के सापेक्ष 289 किसानों को स्प्रिंकलर सेट व डीजल पंप के लिए 1.10 करोड़ रुपये अनुदान दिया गया। विभाग द्वारा जारी सूची के अनुसार तहकीकात कराई गई तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। लाभ पाने वाले तमाम किसान गांवों में उस नाम के नहीं हैं तो कई भूमिहीन के भी खाते में अनुदान की धनराशि भेज दी गई है। इतना ही नहीं कृषि विभाग के कर्मचारी ने अपनी मां को पात्र बनाकर अनुदान ले लिया है। वह दूसरे जनपद का है और जौनपुर में उसकी खेती योग्य जमीन भी नहीं है। वहीं एक कर्मी ने अपनी बहन को लाभार्थी बनाया है। विभाग के एक चर्चित बाबू ने अपनी पत्नी को लाभार्थी बना दिया है। ग्राम नरहन निवासी संजय पुत्र वीरेंद्र के नाम से 836317215200 पंजीकरण संख्या पर स्प्रिंकलर सेट के लिए अनुदान लिया गया है। जबकि इस नाम का गांव में कोई व्यक्ति नहीं है। सूची देख प्रधान कृष्णा यादव ने आश्चर्यचकित हैं। कहा कि इस नाम से कोई नहीं हैं। विरेन्द्र नाम के एक व्यक्ति हैं जिनके तीन पुत्र हैं लेकिन उनके किसी पुत्र का नाम संजय नहीं है। वहीं देवरिया के हरिजन बस्ती में विनोद कुमार गुप्ता पुत्र चन्द्रिका प्रसाद के नाम से किसान पंजीकरण संख्या 8363200026300 पर अनुदान लिया गया है लेकिन इस नाम का कोई व्यक्ति पूरे गांव में नहीं है। प्रधान प्रतिनिधि अजय सिंह ने कहा कि यहां पर इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं है। केराकत में सुरेन्द्र सिंह पुत्र रामबली सिंह को लाभ दिया गया है लेकिन इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। इन्दू सिंह पत्नी सुरेन्द्र सिंह निवासी सरायबीरू के नाम से रजिस्ट्रेशन 8362875761900 हुआ है। यह गांव में रहती है, इनके पुत्र कृषि विभाग में कार्यरत है। लेकिन इनके पास न तो खेत है और न ही मौके पर कोई स्प्रिकलर सेट ही मिला। यह मूलरूप से दूसरे जिले की रहने वाली हैं। कृषि विभाग के कर्मचारी बेटे ने पूछने पर कहा कि उनके यहां बटाई पर खेती होती है। इसी प्रकार एक अन्य लाभार्थी ने अनुदान लिया है लेकिन स्प्रिंकलर सेट मौके पर नहीं मिला। इनका भाई भी कृषि विभाग में कर्मचारी है।
महराजगंज ब्लाक के उमरीखुर्द गांव की निवासी स्मिर्ति उपाध्याय को इस योजना का लाभ मिला है उनके पति भी कृषि विभाग में कर्मचारी है।

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