माह ए मोहर्रम समाज में आपसी भाई चारे को बढावा देता है : डा. शेख अबरार हुसैन
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जौनपुर।
चार मोहर्रम को जनपद में जूलूसो, मजलिसों, मातम व हाजीरी की नज्र का
सिलसिला मुस्लिम बाहुल इलाको में जारी रहा। पुरूषों की मजलिसों के साथ साथ
महिलाओं ने भी अजाखानों और अपने घरों पर फ़रसे अजा बिछाकर या हुसैन की सदा
बुलंद की। इसी क्रम में शेख नुरूल हसन मेमोरियल सोसाइटी कार्यालय
मखदुमशाहअढन में हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी मजलिस का आयोजन किया गया।
मजलिस की सोज़खानी जनाब शिराज जौनपुरी ने की व मजलिस को सम्बोधित किया
प्रख्यात चिकित्सक एवं जाकिरे अहलेबैत जनाब अबरार हुसैन ने बाद खत्म मजलिस
अंजुमन कासिमिया के दस्ते ने नईम हैदर के नेतृत्व मे नौहा एवं मातम किया।
मजलिस में डा. अबरार हुसैन ने बताया कि हजरत मोहम्मद (स.अ.व.व.) के नवासे
हजरत इमाम हुसैन अ.स. को करबला के मैदान में तीन दिन का भूखा प्यासा उनके
परिवार एवं वफादार साथियों के साथ शहीद कर दिया गया। माह ए मोहर्रम समाज
में आपसी भाई चारे को बढावा देता है मोहर्रम में हजरत इमाम हुसैन अ.स. को
हर जाति धर्म सम्प्रदाय के लोग अपने तरीके व परम्परा के अनुसार श्रद्धांजलि
पेश करते है। इसी क्रम में ताड़तला रोड स्थित तहजीबुल हसनैन एडवोकेट के
आवास पर चार मोहर्रम को दिन में मजलिस आयोजित की गई। हुसैनी फोरम इंडिया के
अध्यक्ष सैयद मोहम्मद हसन ने मजलिस को खिताब करते हुये कहा कि इमाम हुसैन
की शहादत पूरी दुनिया को यह सबक देती है कि जालिम कितना ही ताकतवर क्यो ना
हो उसके जालिमान हरतक की मुखाल हर हाल में करनी चाहिए। मजलिस में मुख्य रूप
से आठ मोहर्रम कंट्रोल रूम कमेटी के सदर सैयद परवेज हसन, हुसैनी फोरम
इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक खान इकबाल मधु, ए.एम.डेज़ी, नासिर रजा गुड्डु,
हसीन अहमद, सोनी, बिल्लू, शकील, वसीम हैदर, शौकत हुसैन, अजहर अब्बास,
बन्ने, फहीम हैदर, हुसैन हैदर अकील, कक्कू, नन्हे, डा. राहिल, शैफ, लाडले,
सोनू, मोनू एवं अन्य मोमनिन उपस्थित थे।
