पूर्वांचल राज्य गठन करने की आवाज उठायी
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जौनपुर। पूर्वांचल जन कल्याण मंच द्वारा अलग से पूर्वांचल राज्य के गठन के लिये रविवार को पब्लिक इंटर कालेज केराकत के मीटिंग हाल में एक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें यह चर्चा की गई कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर पूर्वांचल के सभी 27 जिलों का विकास समुचित ढंग से नहीं हो पा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा में 117 विधायक और लोकसभा में 23 सांसद सदस्य वर्तमान में पूर्वांचल क्षेत्र में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 1950 में उत्तर प्रदेश राज्य का गठन हुआ 1953 में गाजीपुर के सांसद विश्वनाथ गहमरी द्वारा पूर्वांचल राज्य की मांग सदन में की गई थी तभी से लगातार पूर्वांचल राज की मांग उठाई जा रही है। लेकिन आवाज को राजनीतिक साजिश के तहत बार-बार दबाव दिया जा रहा है। जबकि 1953 में ही पटेल आयोग का गठन भी हुआ जिसमें सुविधा अनुसार राज्यों को छोटे-छोटे क्षेत्रों में बांटने हेतु रिपोर्ट मांगी गई थी । यह आयोग जस्टिस फजल अली की अध्यक्षता में 22 दिसंबर 1953 में बनी थी जिसके सदस्य के एम मजिकर ने पूर्वांचल राज्य बनाने की सिफारिश की थी ।सन 1991 में उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल विकास निधि की स्थापना की जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय विकास परियोजनाओं के लिए धन इकट्ठा करना जिससे पूर्वांचल का संतुलित विकास हो सके। लेकिन इस उपाय में भी पूर्वांचल की स्थिति में कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा सन 2011 में उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल के साथ-साथ प्रदेश को चार भागों में बांटने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जिसे अस्वीकृत कर दिया गया ।आजादी के बाद से पूर्वांचल के पिछड़ेपन के नाम पर सिर्फ वोटों की सियासत की जा रही है जिसका खामियाजा हमारे क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ रहा है कल कारखाने उद्योगधंधो की कमी से भुखमरी बेरोजगारी किसानों की दयनीय स्थिति बढ़ती जा रही है।इस अवसर पर मुख्य अतिथि संत कुमार सिंह केराकत ब्लॉक प्रमुख,विशिष्ट अतिथि राम प्रताप सिंह, राजकुमार गुप्ता, जय प्रकाश राम,राम सागर सिंह, महेंद्र प्रताप यादव पदाधिकारीगण एवम सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।