प्रधानमंत्री के सपनो को चकनाचूर कर रहे है उद्यान विभाग के अधिकारी
https://www.shirazehind.com/2019/08/blog-post_544.html
जौनपुर। यूपी सरकार ने पॉलीथिन और प्लास्टिक ग्लास प्लेट को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है साथ ही स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पॉलीथिन रहित भारत करने की मंशा जाहिर किया था। प्रधानमंत्री के इस सपने को चकनाचूर कर रहे है जौनपुर जिले के अधिकारी और कर्मचारी। इसकी बानगी देखने को मिली कलेक्ट्रेट प्रेक्षा गृह में उद्यान विभाग द्वारा आयोजित जनपद स्तरीय दो दिवसीय कृषक गोष्ठी एवं कार्यशाला में। इस कार्यक्रम में भाग लेने के आये किसान भाईयों को पानी पीने के लिए प्लास्टिक की ग्लास मुहैया कराया गया । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मड़ियाहूं विधायक से जब इस मामले पर बात किया गया तो उन्होने पूरे मामले के जांच कराने की बात कही है।
पर्यावरण को पूरी तरह प्रदूषित करने और उपजाऊ जमीन के लिए कैंसर बन चुके पॉलीथिन और प्लास्टिक ग्लास प्लेट के निर्माण,बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से यूपी सरकार ने प्रतिबंध कर दिया है। सरकार के इस फरमान को एक वर्ष बीत जाने के बाद भी पॉलीथिन और प्लास्टिक के ग्लास प्लेट बिक्री और प्रयोग किया जा रहा है। हद तब हो गयी कि इस प्रतिबंधित सामानों का प्रयोग जिम्मेदारी अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा सरकारी कार्यक्रमो में करते पाया गया। दो पूर्व ही इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पॉलीथिन रहित भारत बनाने की अपील जनता से किया था। लेकिन उनके इस भाषण का जनता पर कितना असर हुआ है यह तो पता नही चल पाया है लेकिन सरकारी महकमें पर इसका कोई असर फिलहाल दिखता नजर नही आ रहा है। शनिवार को किसानों की उपज बढ़ाने और उनकी माली हालत सुधारने के लिए उद्यान विभाग द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित प्रेक्षागृह में दो दिवसीय कृषक गोष्ठी एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया ।इस कार्यक्रम भाग लेने के लिए दूर दराज से आये किसानों को पानी पीने के लिए प्रतिबंधित प्लास्टिक की ग्लास दिया गया। किसान उसी ग्लास अपनी प्यास बुझाते रहे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मड़ियाहूं विधायक लीना तिवारी से इस मामले पर बातचीत किया गया तो पहले उन्होने इससे इंकार किया बाद उन्होने इसे भारी चूक बताते हुए मामले की जांच कराने की बात कही है।
हैरत की बात है कि कृषि विभाग,उद्यान विभाग पर जिम्मेदारी है कि वे इस प्रतिबंधित सामानो के प्रति जानकारी देते हुए इन्हे प्रयोग न करने के लिए जागरूक करना है लेकिन जब खुद विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस प्रतिबंधित सामानो का प्रयोग करेंगे तो वे किसानो का क्या जागरूक करेगें।
पर्यावरण को पूरी तरह प्रदूषित करने और उपजाऊ जमीन के लिए कैंसर बन चुके पॉलीथिन और प्लास्टिक ग्लास प्लेट के निर्माण,बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से यूपी सरकार ने प्रतिबंध कर दिया है। सरकार के इस फरमान को एक वर्ष बीत जाने के बाद भी पॉलीथिन और प्लास्टिक के ग्लास प्लेट बिक्री और प्रयोग किया जा रहा है। हद तब हो गयी कि इस प्रतिबंधित सामानों का प्रयोग जिम्मेदारी अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा सरकारी कार्यक्रमो में करते पाया गया। दो पूर्व ही इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पॉलीथिन रहित भारत बनाने की अपील जनता से किया था। लेकिन उनके इस भाषण का जनता पर कितना असर हुआ है यह तो पता नही चल पाया है लेकिन सरकारी महकमें पर इसका कोई असर फिलहाल दिखता नजर नही आ रहा है। शनिवार को किसानों की उपज बढ़ाने और उनकी माली हालत सुधारने के लिए उद्यान विभाग द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित प्रेक्षागृह में दो दिवसीय कृषक गोष्ठी एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया ।इस कार्यक्रम भाग लेने के लिए दूर दराज से आये किसानों को पानी पीने के लिए प्रतिबंधित प्लास्टिक की ग्लास दिया गया। किसान उसी ग्लास अपनी प्यास बुझाते रहे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मड़ियाहूं विधायक लीना तिवारी से इस मामले पर बातचीत किया गया तो पहले उन्होने इससे इंकार किया बाद उन्होने इसे भारी चूक बताते हुए मामले की जांच कराने की बात कही है।
हैरत की बात है कि कृषि विभाग,उद्यान विभाग पर जिम्मेदारी है कि वे इस प्रतिबंधित सामानो के प्रति जानकारी देते हुए इन्हे प्रयोग न करने के लिए जागरूक करना है लेकिन जब खुद विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस प्रतिबंधित सामानो का प्रयोग करेंगे तो वे किसानो का क्या जागरूक करेगें।