एक हफ्ते से सौ से अधिक गांव अँधेरे में डूबा
https://www.shirazehind.com/2019/07/blog-post_903.html
जौनपुर। विद्युत केंद्र बादशाही, सोंगर तथा कलापुर से जुड़े एक सौ के
करीब गांव में बिजली आपूर्ति पिछले एक सप्ताह से बाधित चल रही है। शिकायत
के बावजूद कोई भी अधिकारी सुधि लेने वाला नहीं है। ग्रामीणों ने मामले की
शिकायत क्षेत्रीय सांसद से भी किया लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
जिसके चलते ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया है। लोगों ने 24 घंटे की
मोहलत दी है।
विद्युत उपकेंद्र बादशाही से जुड़े सूमभुलपुर, गुरैनी, मनेछा, बिस्वा तालुका टिकरी, पकड़ी, अतरौरा, आदि गांव में विद्युत आपूर्ति की जाती है व विद्युत उपकेंद्र सोंगर से मानीकला, बरंगी, जमदहा, जैगहा और कलापुर विद्युत उपकेंद्र से बारा कला, नवली, खुदौली, कनवरिया समेत 100 से अधिक गांव में विद्युत आपूर्ति की जाती है। यह आपूर्ति पिछले एक सप्ताह से बाधित है। जबकि तेज आंधी पानी के चलते पेड़ विद्युत पोल गिरे चार-पांच दिन हुए हैं। जबकि विद्युत आपूर्ति एक सप्ताह से बाधित चल रही है। ग्रामीण पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। बिजली न होने से संचार व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। संचार व्यवस्था चौपट होने से एक दूसरे से संपर्क करना मुश्किल हो गया है। लोग मोबाइल चार्ज करने के लिए शहरों में जा रहे हैं। कुछ लोग जनरेटर के माध्यम से अपना काम चला रहे हैं। मामले की शिकायत ग्रामीणों ने विद्युत अधिकारियों व क्षेत्रीय सांसद से की लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका। जिसके चलते आपूर्ति बाधित है। बिजली की लगातार कटौती से ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया है। ग्रामीणों ने कहा कि 24 घंटे में विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो ग्रामीण आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
विद्युत उपकेंद्र बादशाही से जुड़े सूमभुलपुर, गुरैनी, मनेछा, बिस्वा तालुका टिकरी, पकड़ी, अतरौरा, आदि गांव में विद्युत आपूर्ति की जाती है व विद्युत उपकेंद्र सोंगर से मानीकला, बरंगी, जमदहा, जैगहा और कलापुर विद्युत उपकेंद्र से बारा कला, नवली, खुदौली, कनवरिया समेत 100 से अधिक गांव में विद्युत आपूर्ति की जाती है। यह आपूर्ति पिछले एक सप्ताह से बाधित है। जबकि तेज आंधी पानी के चलते पेड़ विद्युत पोल गिरे चार-पांच दिन हुए हैं। जबकि विद्युत आपूर्ति एक सप्ताह से बाधित चल रही है। ग्रामीण पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। बिजली न होने से संचार व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। संचार व्यवस्था चौपट होने से एक दूसरे से संपर्क करना मुश्किल हो गया है। लोग मोबाइल चार्ज करने के लिए शहरों में जा रहे हैं। कुछ लोग जनरेटर के माध्यम से अपना काम चला रहे हैं। मामले की शिकायत ग्रामीणों ने विद्युत अधिकारियों व क्षेत्रीय सांसद से की लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका। जिसके चलते आपूर्ति बाधित है। बिजली की लगातार कटौती से ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया है। ग्रामीणों ने कहा कि 24 घंटे में विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो ग्रामीण आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।