आत्मा का नाता परमात्मा से जोड़ना हैः प्यारे लाल
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जौनपुर। मानव जन्म पा
लेना भाग्य की बात है, क्योंकि इसी जन्म में आत्मा का कल्याण सम्भव है।
आत्मा का नाता परमात्मा से जोड़ना है, ताकि आवागमन के बन्धनों से मुक्ति
मिले। उक्त उद्गार संत निरंकारी सत्संग भवन पट्टीनरेन्द्रपुर व शाहगंज में
उपस्थित विशाल संत समूह को सम्बोधित करते हुये दिल्ली से आये महात्मा
प्यारे लाल केन्द्रीय ज्ञान प्रचारक ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एकत्व
के भाव को आत्मसात तभी किया जा सकता है जब एक परम् अस्तित्व परमात्मा को
जीवन का आधार बनाया जाय। आज निरंकारी सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज
ब्रह्मज्ञान ज्ञान द्वारा एकत्व की अवधारणा को विश्व में साकार कर रही हैं।
इस अवसर पर राजकुमार तिवारी, मानिक चन्द तिवारी, आत्माराम, रामजी गुप्ता,
आरपी सिंह, राजीव सिंह, शंकर दयाल, धर्मेन्द्र सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
मंच का संचालन रामवचन ने किया।