फौवारे विधि से कम पानी में अधिक उत्पादन ले किसान : डा. रमेश यादव

जौनपुर : वैसे तो इस धरती पर दो तिहाई भाग पर जल ही जल है, किन्तु इसका 97 प्रतिशत जल समुन्द्रो में जमा खारा जल है, जो हमारे किसी उपयोग का नही हैं। एक प्रतिशत जल उत्तरी ध्रुव पर ग्लेशियर के रूप में जमा है, अर्थात इस धरती पर कुल 140 करोण धनमीटर जल हैं। लेकिन उसमे से 136 हजार घनमीटर जल ही हमारे लिए उपयोगी है, और इसका 73 प्रतिशत जल किसान केवल सिचाई में खर्च कर देते है। मेडबन्दी न होने के कारण रनवे के रूप में वह भी बह कर पुनः समुन्द्र में जाकर बेकार हो जाता है, उक्त बाते सोमवार को कृषि विज्ञानं केंद्र बक्शा में जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत आयोजित समारोह में उप परियोजना निदेशक (आत्मा) /विषय वस्तु विशेषज्ञ  कृषि डा. रमेश चंद्र यादव ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कही, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत सिंचाई की उन्नति शील तकनीकीयो यथा स्प्रिंकलर, ड्रिप पद्धति से कम पानी में अधिक उत्पादन कर जल की बचत करते हुए किसान अपनी समृद्धि कर सकते है। अध्यक्षता कर रहे मुख्य अतिथि उप सचिव भारत सरकार अंकित खण्डेलवाल ने कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की फीडबैक किसानों से लिया। इस मौके पर उपस्थित किसानों ने जल संरक्षण का संकल्प लिया। इस मौके पर जिला कृषि अधिकारी अमित चौवे, केवीके प्रभारी डा. सुरेश कुमार कन्नौजिया, डा. संदीप, डा. अनिल यादव, आदि मौजूद रहे।

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