महिला ने पति से अनबन होने पर अपनी दो मासूम बेटियों को मारकर गांव के तालाब में फेंक दिया
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जौनपुर। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के एक गांव में मां की ममता को
शर्मसार करने और रोंगटे खड़ी कर देने वाली सनसनीखेज घटना प्रकाश में आई है।
एक महिला ने पति से अनबन होने पर अपनी दो मासूम बेटियों को मारकर गांव के
तालाब में फेंक दिया। दो गांवों व दोनों पक्षों की पंचायत से छुट्टा-छुट्टी
के बाद मामला रफा-दफा करा दिया। पुलिस ऐसी किसी घटना से अनभिज्ञता जता रही
है। उक्त गांव निवासी युवक की शादी पांच वर्ष पूर्व अंबेडकर नगर जिले के
प्रतापपुर में हुई थी। ग्रामीण बताते हैं कि शादी के बाद से युवक की पत्नी
की ससुराल में मायके वालों का आना-जाना कम था। इन दोनो की दो बच्चियां परी
(4) व अंशिका (2) थीं। गत शुक्रवार की रात बच्चियों का पिता घर पहुंचा तो
पत्नी से कहासुनी हो गई। पत्नी ने गुस्से में अंशिका को बेड पर पटक दिया।
पति के एतराज करने पर पत्नी झगड़ने लगी तो पति ने गुस्से में थप्पड़ जड़ दिया।
पत्नी ने उसे सबक सिखाने की धमकी दी। ममता की प्रतिमूर्ति कही जाने वाली
मां ने शव घर के सामने तालाब में फेंक दिया। खुद भी गुस्से में तालाब में
कूद गई। मौत का भय सताने पर चिल्लाने लगी। देवर ने किसी तरह से बाहर
निकाला। ग्रामीण और परिवार के लोग जाग गए। बच्चों के बारे में पूछने लगे तो
कुछ देर तक वह महिला बच्चों के इधर-उधर होने का बहाना करती रही और परिजन
तलाशते रहे। अंत में उसने बताया कि दोनों को उसने तालाब में फेंक दिया है।
घर के लोगों ने तलाश की तो दोनों की लाश मिल गई।
रात में ही मायके वालों को सूचना दी। मायके वालों ने खुद के आने तक पुलिस को सूचना देने से रोक दिया। भोर होने से पहले प्रतापपुर गांव के प्रधान समेत काफी संख्या में लोग वाहनों से सवार होकर आ गए। गांव के प्रधान समेत काफी तादात में ग्रामीण इकट्ठा थे। हर कोई महिला की करतूत से गम और गुस्से में था और मामला पुलिस तक ले जाने की बात कह रहा था। मायके से आये रसूखदार प्रधान व लोगों ने दबाव बनाकर दोनों बच्चियों का अंतिम संस्कार सूरज घाट पर करा दिया। सजा के तौर पर दंपती का छुट्टी- छुट्टा करवा कर मामला रफा-दफा करा दिया।
रात में ही मायके वालों को सूचना दी। मायके वालों ने खुद के आने तक पुलिस को सूचना देने से रोक दिया। भोर होने से पहले प्रतापपुर गांव के प्रधान समेत काफी संख्या में लोग वाहनों से सवार होकर आ गए। गांव के प्रधान समेत काफी तादात में ग्रामीण इकट्ठा थे। हर कोई महिला की करतूत से गम और गुस्से में था और मामला पुलिस तक ले जाने की बात कह रहा था। मायके से आये रसूखदार प्रधान व लोगों ने दबाव बनाकर दोनों बच्चियों का अंतिम संस्कार सूरज घाट पर करा दिया। सजा के तौर पर दंपती का छुट्टी- छुट्टा करवा कर मामला रफा-दफा करा दिया।