नियमित रूप से करायें बच्चों को प्राणायाम
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जौनपुर। विद्यार्थी किसी भी राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण अंग होते हैं और प्राथमिक कक्षाओं में उन्हें जिस भी स्तर का औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त हो जाता है वह जीवन पर्यंत उनके मनोभावों को प्रभावित करता रहता है इसलिए बच्चों को बचपन से ही योग की संस्कारशाला में संस्कारित करके न केवल उनके बचपना को सँवारा जा सकता है बल्कि नियमित और निरन्तरता के साथ प्राणायामों का अभ्यास उन्हें हर तरह से सबल बनाते हुए अन्तर्निहित शक्तियों का विकास करता है इसलिए प्रत्येक शिक्षक को नियमित रूप से बच्चों को प्राणायामों का अभ्यास सुबह प्रार्थना स्थल पर ही कराना चाहिए ।उक्त बातें जूनियर हाईस्कूल कबीरूद्दीनपुर धर्मापुर में बच्चों के लिए कराये जा रहे विशेष योग प्रशिक्षण शिविर में खण्ड शिक्षा अधिकारी श्रीमती सुधा वर्मा नें कही।विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री मजाहिर आलम के द्वारा बताया गया है कि प्रतिदिन बच्चों को उनकी अवस्था के अनुसार विविध प्रकार के आसन और व्यायामों के साथ तीस मिनट प्राणायामों को कराया जाता है जिसमें कपालभाति,अनुलोम-विलोम,भ्रामरी तथा उद्गीथ प्राणायाम मुख्य है।योग प्रशिक्षक अचल हरीमूर्ति के द्वारा बताया गया कि योगाभ्यासों का बच्चों के व्यवहारिक पक्षों पर भी बहुत ही गहरा असर पड़ता है और निश्चित रूप से भारत की यह प्राचीनतम विधा योग के क्रियात्मक एवं सैद्धांतिक पक्षों का अभ्यास हर शिक्षण संस्थानों में नियमित और निरन्तरता के साथ होना चाहिए जो हर दृष्टि से विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों के लिए हितकारी है। ग्राम प्रधान संगीता यादव,पद्माकर राय,आशा यादव,गोमती, मुन्नालाल यादव,विजय कुमार और आनन्द सिंह आदि मौजूद रहे।