मिट्टी के तेल बढ़ती कीमतों से गरीब पश्त
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जौनपुर। गरीबों के घरों में इस्तेमाल होने वाला मिट्टी का तेल अब जेब पर भारी पड़ने लगा है। सरकार ने राशन की दुकानों पर मिलने वाले केरोसिन की कीमतों में प्रतिमाह 55 पैसे की वृद्धि कर दी है। इसके चलते केरोसिन 35 रुपये प्रति लीटर हो गया है। ऐसे में निश्चित रूप से गरीब केरोसिन खरीदने से दूर भाग रहा है और उसे पांच रुपये के कैंडिल और दीया पर ही भरोसा रह गया है। सरकार ने अपने पूर्व के आदेश को निरस्त नहीं किया तो कुछ दिनों बाद केरोसिन 40 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा। यह गरीबों की पहुंच से बाहर होगा। वैसे भी अब मध्यम एवं संपन्न परिवार केरोसिन का उठान नहीं कर रहा है। कारण, रोशनी के लिए उनके यहां वैकल्पिक व्यवस्था कर ली गई है लेकिन गरीब जिनकी झोपड़ियों में आज भी दीया दिखाई दे रहा है उन्हें अब भी केरोसिन की जरूरत है। ज्ञात हो कि शासन के तुगलकी फरमान ने गरीबों को केरोसिन से दूर कर दिया है। इस संदर्भ में कोटेदारों का कहना है कि तेल की प्रतिमाह बढ़ती कीमत व संपन्न लोगों द्वारा तेल का उठान न करने से कोटेदारों के यहां केरोसिन बचा रहता है जिसके चलते उनकी पूंजी फंसी रहती है। गरीबों ने सरकार से इस पर पुनर्विचार कर केरोसिन की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने की मांग की है।