सड़क हादसे में दो युवकों की मौत
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जौनपुर । सरायख्वाजा थाना के कोठवार गांव में मातम का माहौल है। गांव के दो
परिवारों के लिए बुधवार की रात बड़ी मनहूस साबित हुई। गौराबादशाहपुर थाना
क्षेत्र के चोरसंड गांव में रिश्तेदारी में तेरही में गए दो युवकों की वापस
लौटते समय केशवपुर में खड़े ट्रक में बाइक के घुस जाने से मौत हो गई।
कोठवार गांव निवासी बखड़ू राम की चोरसंड स्थित रिश्तेदारी में तेरही थी। उन्होंने अपने सबसे छोटे पुत्र चंद्र शेखर (25) को जाने के लिए कह दिया। चंद्र शेखर ने गांव के ही निवासी अपने दोस्त संतोष कुमार (26) पुत्र दल सिगार से चलने को कहा तो वह इन्कार नहीं कर सका। दोनों रात करीब नौ बजे तेरही में शामिल होकर लौट रहे थे तभी हादसा हो गया। शिनाख्त होने के बाद मौत की मनहूस खबर आते ही दोनों घरों पर मानो वज्रपात सा हो गया। रोते-बिलखते परिजन रात में ही जिला अस्पताल भागे। सात भाई बहनों में सबसे छोटा चंद्र शेखर स्नातक की पढ़ाई करने के बाद पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पास कंप्यूटर सेंटर चलाता था। कुछ दिनों पूर्व उसे बंद कर शाहगंज में सेंटर खोलने की तैयारी कर रहा था। वहीं पांच भाई-बहन में तीसरे नंबर पर रहा संतोष कुमार बीएड करने के बाद शिक्षक बनने का सपना संजोए रिक्तियां निकलने का इंतजार कर रहा था। साथ ही वह खेती में पिता का हाथ बंटाता था। उसकी बहन पूजा की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव घर न लाकर सीधे रामघाट ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया।
कोठवार गांव निवासी बखड़ू राम की चोरसंड स्थित रिश्तेदारी में तेरही थी। उन्होंने अपने सबसे छोटे पुत्र चंद्र शेखर (25) को जाने के लिए कह दिया। चंद्र शेखर ने गांव के ही निवासी अपने दोस्त संतोष कुमार (26) पुत्र दल सिगार से चलने को कहा तो वह इन्कार नहीं कर सका। दोनों रात करीब नौ बजे तेरही में शामिल होकर लौट रहे थे तभी हादसा हो गया। शिनाख्त होने के बाद मौत की मनहूस खबर आते ही दोनों घरों पर मानो वज्रपात सा हो गया। रोते-बिलखते परिजन रात में ही जिला अस्पताल भागे। सात भाई बहनों में सबसे छोटा चंद्र शेखर स्नातक की पढ़ाई करने के बाद पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पास कंप्यूटर सेंटर चलाता था। कुछ दिनों पूर्व उसे बंद कर शाहगंज में सेंटर खोलने की तैयारी कर रहा था। वहीं पांच भाई-बहन में तीसरे नंबर पर रहा संतोष कुमार बीएड करने के बाद शिक्षक बनने का सपना संजोए रिक्तियां निकलने का इंतजार कर रहा था। साथ ही वह खेती में पिता का हाथ बंटाता था। उसकी बहन पूजा की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव घर न लाकर सीधे रामघाट ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया।