समेकित कृषि प्रणाली से लाभ के लिए करे खेती : डा. रमेश चंद्र यादव
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जौनपुर। सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं कृषकों के आर्थिक स्तर में
सुधार लाने के लिए कटिबद्ध है। पर्यावरण संतुलन को कायम रखते हुए कम लागत
वाली कृषि तकनीक अपनाकर खेती को लाभकारी बनाने के लिए किसान पाठशाला आयोजित
कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
बुधवार को पाठशाला के तीसरे दिन सिकरारा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सीठापुर में उप कृषि निदेशक जय प्रकाश पहुँचकर किसानों से कार्यक्रम का फीडबैक लिया, उन्होंने किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन वाली तकनीकीयो से किसानों को जागरूक किया। उप कृषि निदेशक जय प्रकाश ने प्रधानमंत्री फसलबीमा योजना के बारे मे बताया कि खरीफ फसलों का दो प्रतिशत प्रीमियम पर बीमा कराले तो प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति सीधे खाते में भेजी जाती है। डिप्टी पीडी ( आत्मा ) डा. रमेश चंद्र यादव ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि के प्रति वांक्षित आकर्षक पैदा करने एवं उसको कम खर्चीला व अधिक लाभकारी बनाने के लिए जिन महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया जा रहा है , उसमें प्रमाणित एवं उपचारित बीजों की उपलब्धि , उर्वरकों का संतुलित उपयोग , अच्छा जल प्रबंधन एवं एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन मुख्य है। उन्होंने कहा कि दो या दो से अधिक फसलों के साथ बागवानी , पशुपालन, मत्सय पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन करके किसान कम लागत, स्वच्छ पर्यावरण में दूनी आय प्राप्त कर अपनी समृद्धि करके कृषि का सतत विकास कर सकते है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जब्बर सोनकर तथा संचालन तकनीकी सहायक विजेन्द्र प्रताप सिंह ने किया । इस मौके पर एडीओ एजी राम केवल यादव, प्रभावती देवी, कमला देवी, सूखा देवी, सन्दीप मिश्र, अमरनाथ, हीरालाल, रविन्द्र नाथ मिश्र सहित अन्य किसान मौजूद रहे।
बुधवार को पाठशाला के तीसरे दिन सिकरारा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सीठापुर में उप कृषि निदेशक जय प्रकाश पहुँचकर किसानों से कार्यक्रम का फीडबैक लिया, उन्होंने किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन वाली तकनीकीयो से किसानों को जागरूक किया। उप कृषि निदेशक जय प्रकाश ने प्रधानमंत्री फसलबीमा योजना के बारे मे बताया कि खरीफ फसलों का दो प्रतिशत प्रीमियम पर बीमा कराले तो प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति सीधे खाते में भेजी जाती है। डिप्टी पीडी ( आत्मा ) डा. रमेश चंद्र यादव ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि के प्रति वांक्षित आकर्षक पैदा करने एवं उसको कम खर्चीला व अधिक लाभकारी बनाने के लिए जिन महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया जा रहा है , उसमें प्रमाणित एवं उपचारित बीजों की उपलब्धि , उर्वरकों का संतुलित उपयोग , अच्छा जल प्रबंधन एवं एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन मुख्य है। उन्होंने कहा कि दो या दो से अधिक फसलों के साथ बागवानी , पशुपालन, मत्सय पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन करके किसान कम लागत, स्वच्छ पर्यावरण में दूनी आय प्राप्त कर अपनी समृद्धि करके कृषि का सतत विकास कर सकते है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जब्बर सोनकर तथा संचालन तकनीकी सहायक विजेन्द्र प्रताप सिंह ने किया । इस मौके पर एडीओ एजी राम केवल यादव, प्रभावती देवी, कमला देवी, सूखा देवी, सन्दीप मिश्र, अमरनाथ, हीरालाल, रविन्द्र नाथ मिश्र सहित अन्य किसान मौजूद रहे।