वन माफियाओं ने खोजा हरा पेड़ काटने का नायाब तरीका

जलालपुर। सरकार  पर्यावरण में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर काफी चिंतित है और इससे निपटने के लिए  हरे पेड़ की सुरक्षा एवं पेड़ लगाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है। परन्तु   वन विभाग के अधिकारी  चंद पैसों के लालच सरकार की इस योजनाओं को पलीता लगाते हुए  वन माफियाओं से मिलकर  हरे पेड़  को धडल्ले से कटवा रहे है।
पेड़ कटाई  की जानकारी किसी व्यक्ति द्वारा वन दरोगा को दिया जा रहा है तो उसे बताया जा रहा है कि पेड़ काटने का परमिशन है। परमिशन तो है परंतु वह सूखा पेड़ काटने के लिए जिसके आड़ मे आम के हरे पेड़ काटे जा रहे हैं।
क्षेत्र के लालपुर गांव के हरिजन बस्ती के पास आम के कई हरे पेड़ है उस पेड़ को पेड़ मालिक ने वन माफियाओं को बेच दिया है। बुधवार की सुबह एक पेड़ को  काटा जा रहा था। हरे पेड़ काटने कि शिकायत किसी ने पुलिस सहित वन विभाग के अधिकारियों को दिया तो वन विभाग के दरोगा ने बताया कि उस पेड़ को  काटने का परमिशन विभाग द्वारा जारी है।पेड़ काटने वाले के पास परमिशन का कागजात मौजूद था    परमिशन मे पेड़ मालिक बलदेव का नाम  अंकित था परंतु परमिशन में साफ-साफ वृक्ष गिराने का कारण लिखा गया था कि सूखे एवं लकड़ी खराब होने के कारण अपने निजी उपयोग हेतु।जबकि पेड़ हरा और काफी मोटा है। राजू,विपिन, मुकेश आदि ने बताया कि वन अधिकारी वन माफियाओं से मिले हुए हैं। जिसके कारण पेड़ की स्थिति बिना  देखें घर बैठे ही वन विभाग के दरोगा   द्वारा पेड़ काटने की परमीशन का  रिपोर्ट लगा दिया जा रहा है। और पर्यावरण को बचाने वाले लोगो के आंखों में सीधा धूल झोंका जा रहा है। इन्हें उच्च अधिकारियों का भी कोई डर नहीं है। परमिशन का खेल काफी  दिनो चल रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर वन विभाग के दरोगा देवी शंकर पाठक ने बताया कि काश्तकार द्वारा पेड़ का फोटो तथा संबंधित कागजात दिया गया था उसके बाद ही परमीशन का रिपोर्ट लगाया गया है।

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