सूरज की तपन से आम लोग बेहाल
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जौनपुर। शरीर को झुलसा देने वाली तपन व गर्म हवाओं ने आमजन को हलकान कर दिया है। सूर्योदय के साथ ही आग उगलने वाली तपन के तीखे तेवर शाम ढलने तक बरकरार रहने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है। तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचते ही लोगों को घरों में दुबके रहने पर मजबूर कर दिया है। पिछले तीन दिनों से सूर्यदेव के शिखर पर आते ही गर्मी व तपन अपना प्रचंड रूप धारण कर लेता है। दिनभर सड़के व बाजार सुनसान दिखाई देते है। दिन के तापमान के साथ-साथ रात के तापमान में भी बढ़ोतरी होने से गर्मी इंसानों के साथ-साथ वन्य जीव व निराश्रित पशु-पक्षियों, पेड़ पौधों के लिए भी बर्न की तरह साबित हो रही है। गर्मी से आम जनजीवन ठहर सा गया है। सबसे अधिक परेशानी छोटे-छोटे बच्चों को उठानी पड़ रही है। गर्मी के तीखे तेवर होने के साथ गर्मी जनित बीमारियों उल्टी, दस्त, लू, बुखार एवं गले में संक्रमण ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए है। चिकित्सकों का कहना है कि तेज धूप में बाहर निकलने से व्यक्ति तपाघात का शिकार हो सकता है। ऐसे में एहतियाती उपाय करने आवश्यक है। चिकित्सकों का कहना है कि लू के दौरान आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलना चाहिए। जब भी धूप में बाहर जाना जरूरी हो, भरपेट पानी पीकर जाना चाहिए। सिर सूती कपड़े से ढका होना चाहिए तथा खाली पेट किसी भी सूरत में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। लू लग जाने पर पीड़ित व्यक्ति के कपड़े ढीले कर देने चाहिए। त्वचा को तेज धूप से बचाने का उपाय करके ही घर से निकलें। इसके लिए छाता, टोपी, तौलिया और ग्लब्स का इस्तेमाल करें। गहरे रंग के सनग्लास और चश्मे सूर्य की तेज किरणों से आंखों को बचाने में काफी मददगार सिद्ध होते हैं। सादा पानी हमारी त्वचा को नर्म और तरोताजा रखता है। सूती वस्त्र को गर्मी के मौसम के लिए सबसे बढिया माना गया है, इसलिए इससे बने वस्त्र ही पहनें। आप अगर थकान अधिक महसूस करते हो तो चेहरे पर ताजे पानी के छीटें मारें। इससे आप फ्रेश महसूस करेंगे। रात में या जब आप फ्री हों तो खीरे के रस (जूस) को चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे पर ठंडक महसूस होगी और सनबर्न की समस्या कम हो जाएगी।