कूड़ेदान में मिले आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड
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जौनपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुइथाकलां में बुधवार को कूड़ेदान
में मिले आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड का मामला गरम हो गया है। स्वास्थ्य
मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के कड़े रुख के बाद गुरुवार को आनन-फानन तहसीलदार
के नेतृत्व में जांच टीम अस्पताल पहुंची।
बुधवार की दोपहर अस्पताल के दूसरे तल पर एक कूड़ेदान में संदिग्ध परिस्थितियों में सैकड़ों की संख्या में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड पड़ा मिला। अस्पताल के ही एक चिकित्सक ने कुछ मीडियाकर्मियाों को बुलाकर आरोप लगाया कि कार्ड लाभार्थियों के बीच वितरित न करके कूड़ेदान में फेंक दिया गया है। मामले को लेकर प्रभारी चिकित्साधिकारी व एक अन्य चिकित्सक के बीच कहासुनी होने लगी। जिससे वहां मौजूद मरीज हक्का-बक्का रह गए।
बहरहाल इसकी सूचना किसी ने स्वास्थ्य मंत्री को ट्वीट कर दिया। जिनके कड़े रुख के बाद हड़कंप मचा और आनन-फानन में जिलाधिकारी अरविद मलप्पा बंगारी ने तहसीलदार शाहगंज अभिषेक राय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दी। श्री राय गुरुवार को अस्पताल पहुंचे और तकरीबन दो घंटे तक मामले की जांच पड़ताल की।
उधर मामले के संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. जैसलाल ने कहा आयुष्मान भारत कार्ड ज्यादातर लाभार्थियों को वितरित कर दिया गया था। कुछ कार्ड बचे थे जो संबंधित बाबू के पास थे। अब किन परिस्थितियों में वे कार्ड कूड़ेदान में पहुंचे यह मुझे नहीं मालूम।
बुधवार की दोपहर अस्पताल के दूसरे तल पर एक कूड़ेदान में संदिग्ध परिस्थितियों में सैकड़ों की संख्या में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड पड़ा मिला। अस्पताल के ही एक चिकित्सक ने कुछ मीडियाकर्मियाों को बुलाकर आरोप लगाया कि कार्ड लाभार्थियों के बीच वितरित न करके कूड़ेदान में फेंक दिया गया है। मामले को लेकर प्रभारी चिकित्साधिकारी व एक अन्य चिकित्सक के बीच कहासुनी होने लगी। जिससे वहां मौजूद मरीज हक्का-बक्का रह गए।
बहरहाल इसकी सूचना किसी ने स्वास्थ्य मंत्री को ट्वीट कर दिया। जिनके कड़े रुख के बाद हड़कंप मचा और आनन-फानन में जिलाधिकारी अरविद मलप्पा बंगारी ने तहसीलदार शाहगंज अभिषेक राय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दी। श्री राय गुरुवार को अस्पताल पहुंचे और तकरीबन दो घंटे तक मामले की जांच पड़ताल की।
उधर मामले के संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. जैसलाल ने कहा आयुष्मान भारत कार्ड ज्यादातर लाभार्थियों को वितरित कर दिया गया था। कुछ कार्ड बचे थे जो संबंधित बाबू के पास थे। अब किन परिस्थितियों में वे कार्ड कूड़ेदान में पहुंचे यह मुझे नहीं मालूम।