हैड पंप रीबोर के नाम पर हीला हवाली

जौनपुर । जिले के ग्राम पंचायतों में हैंडपंप रीबोर कराने के नाम पर  हीलाहवाली की जा रही है। मौजूदा समय में स्थिति यह है कि शो-पीस बने हैंडपंपों को रीबोर कराने के लिए लोग जिला मुख्यालय तक का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन जल्दी उनका काम नहीं हो रहा है। हैंडपंप रीबोर कराने के लिए होने वाली दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने यह जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपा दिया। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि संबंधित लोगों को हैंडपंप रीबोर कराने के लिए अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर न लगाना पड़े और आसानी से ग्राम पंचायत के स्तर से ही काम हो जाए, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं आई। प्रधान पहले अपने चहेतों का ध्यान दे रहे हैं। लोगों के आरोपों की मानें तो ग्राम पंचायतें इस काम में मनमाना भुगतान कर रही हैं। जानकार बताते हैं कि जिस काम पर 16 से 18 हजार रुपये तक खर्च होना चाहिए, उस पर ग्राम पंचायतें 30 से 32 हजार रुपये तक खर्च कर रही हैं। इसकी शिकायत अधिकारियों  भी की गई थी, मगर इस पर रोक नहीं लगी। इंडिया मार्का टू हैंडपंप के रीबोर के नाम पर ग्राम पंचायतें 30 हजार से 32 हजार रुपये तक का बिल भुगतान करा रही हैं। बाजार में उसी इंडिया मार्का टू हैंडपंप के रीबोर कराने की कीमत 16 हजार से 18 हजार के बीच है। प्रशासन ने इसकी कोई दर नहीं की है। ऐसे में ग्राम पंचायत समितियां मनमाने तरीके से भुगतान करा रही हैं। इस मामले में अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। दूसरी ओर प्रधान से सही तालमेल न होने वाले का हैंडपंप रीबोर भी नहीं पा रहा है। उन्हें पहले नियमों की जानकारी दी जाती है, शिकायत करने पर फिर हिलाहवाली की जाती है। आश्चर्य की बात तो यह कि जिम्मेदार भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जबकि डीएम संपूर्ण समाधान दिवस में इस तरीके की शिकायतों के आने के बाद निर्देश देते हैं, पर उसका असर नहीं दिखाई पड़ रहा है।

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