न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय
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जौनपुर। राजस्व निरीक्षकों व लेखपालों की कार्य प्रणाली से क्षुब्ध मछलीशहर के अधिवक्ताओं ने बुधवार को तहसील में हंगामा किया। अधिवक्ताओं ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश को ज्ञापन दिया। अधिवक्ताओं ने एक सप्ताह कार्य प्रणाली में सुधार लाने का अवसर दिया। तब तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया। अधिवक्ताओं ने बुद्धवार की तहसील में भ्रष्टाचार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुये जमकर हंगामा किया।ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौपकर आरोप लगाया कि दफा 24 के मुकदमें में भूमि की पैमाइश के लिये राजस्व निरीक्षक न्यूनतम पांच हजार की मांग करते हैं। न देने गलत रिपोर्ट भेज देते हैं।इसी प्रकार वरासत,खतौनी में गलत इद्राज,हिस्साकसी सहित सभी कार्यों के लिये राजस्व कर्मी खुली लूट कर रहे हैं। किसान परेशान हैं और तहसील प्रशासन का कोई अंकुश नहीं हैं। अधिवक्ताओं ने घूसखोर कर्मियों पर कार्य वाही की मांग किया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व तहसीलदार केके मिश्रा के आश्वासन के बाद भी अधिवक्ता सहमत नहीं हुये।अधिवक्ता अल्टीमेटम दिये कि यदि एक सप्ताह में राजस्व कर्मियों की कार्य प्रणाली में सुधार लायें और लम्बित पैमाइस पूरी करें ।तब तक अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।इस अवसर पर अध्यक्ष सुरेश बहादुर सिंह,महामंत्री संजीव चैधरी, दिनेश चन्द्र सिन्हा,यज्ञ नरायन सिंह, अशोक कुमार श्रीवास्तव,सुरेन्द्र मणि शुक्ला, आर.पी.सिंह,हरिनायक तिवारी, राम आसरे दूबे, प्रेमचन्द्र विश्वकर्मा, विनय पाण्डेय,विकास यादव,राम सूरत पटेल सहित सभी अधिवक्ता उपस्थित थे।