भीषण गर्मी का प्रकोप, बाजारों में सन्नाटा
https://www.shirazehind.com/2019/06/blog-post_110.html
जौनपुर। भीषण गर्मी के कारण लोग घरों में दुबके रहे। कालेज व कोचिंग आने जाने वाली छात्राओं ने छाता लगाकर व दुपट्टा से मुंह ढककर तेज धूप से बचाव किया। बाजारों में सन्नाटा छाया रहा। अस्पतालों में भी गर्मी के कारण बीमार हुए बच्चे व लोगों की भीड़ उमड़ रही है। चिकित्सक कहते है कि गर्म हवा व तेज धूप से बचे। पानी ज्यादा से ज्यादा पीये और बच्चों को भी पिलाएं। तली हुई चीजों का सेवन कम से कम करें और पेय पदार्थ का सेवन ज्यादा करें। धरती तवे की तरह तप रही है। वायुमंडल गर्म है। ज्ञात हो कि भूमिगत जलस्तर तक सुरक्षित नहीं है। यह तेजी से खिसक रहा हैं। पानी का संकट बढ़ गया है। घरों में पानी नहीं है। कभी नल के पानी से पूरा परिवार तर होता था, अब पानी ही नहीं निकल रहा है। कुछ गांव और मोहल्ले महानगरों की तरह पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। शहर के कई मोहल्लों में पीने के लिए पानी खरीदा जा रहा हैं। गांव में सरकारी नलों पर लाइन लग रही है। पशु-पक्षी भी पानी के लिए तरस रहे हैं। फिर भी जलसंकट से उबरने के प्रति हम सचेत नहीं है। यदि नल से पानी आना कम हुआ तो मशीनीकरण कर दिए। नहाने, धुलने के दौरान पानी का दुरुपयोग किया जा रहा है। जहां पानी का इंतजाम है वहां इधर-उधर बहाया जा रहा है। यदि आग उगल रही धरा का तासीर ठंडा नहीं हुआ तो भविष्य में संकट और बढ़ेगा। इसके लिए जल संचय जरुरी है। पानी का दुरुपयोग न खुद करें और न करने दें। शहर से लेकर कस्बों तक कई वाहन धुलाई सेंटर खुल गए हैं। समरसेबुल और बोरिग के जरिये पूरे फोर्स से धरती का पानी निकाल लिया जा रहा है। यह पीने की जगह वाहनों की धुलाई के काम आ रहा है। इसके अलावा वाटर सप्लाई के पानी का भी दुरुपयोग हो रहा है। कहीं-कहीं टोटी खुली छोड़ दे रहे हैं। पानी का इस तरह क्षरण कतई फायदेमंद नहीं है। इसका दुष्परिणाम सामने आने लगा हैं।