प्रत्याशियों की जेब पर चलेगी जीएसटी की कैची
https://www.shirazehind.com/2019/05/blog-post_99.html
जौनपुर। मौसम तथा राजनीति दोनों का ही मिजाज अब गर्म हो चला है। जिले के दोनों संसदीय क्षेत्रों में मतदान को एक सप्ताह का समय है। इसी साथ ही राजनीति के योद्धा मैदान मारने की तैयारी में जुट गए हैं। लू के थपेड़ों के बीच चुनावी सरगर्मी में प्रत्याशियों के खर्च पर निर्वाचन आयोग ने नजरें गड़ाकर प्रत्याशियों का पारा हाई कर दिया है। चुनाव में कार्यकर्ताओं या मतदाताओं पर दरियादिली दिखाना प्रत्याशियों को महंगा पड़ने वाला है। चाय पिलाने से लेकर समोसे तक या मनोरंजन से लेकर लंच पैकेट तक सभी पर आयोग की कड़ी नजर है। गाइडलाइन के अनुसार एक कप चाय की कीमत सात रुपये और समोसा के साथ हल्का नाश्ता कराया तो 25 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से प्रत्याशियों के खर्च में जोड़ा जाएगा। यही नहीं हर खर्च पर इस बार जीएसटी भी देना होगा। आयोग के निर्देशानुसार चाय-समोसा से प्रचार वाहन व मंच की व्यवस्था में काम आने वाली सैकड़ों वस्तुओं व सेवाओं की कीमत निर्धारित की गई है। इसमें लाउडस्पीकर की दर से लेकर दरी व शामियाना का खर्च शामिल है। आयोग ने प्रत्याशियों को हर खर्च का डायरी मेंटेन करने का भी निर्देश दिया है जो बाद में आयोग को सौंपना होगा। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी जहां व्यय पर्यवेक्षकों को सौंपी गई है वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी भी इसके लिए अधिकृत हैं। चुनाव आयोग द्वारा पार्टियों के चुनाव कार्यालय का भी किराया तय किया गया है। इसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के किराए में अंतर होगा। यह सर्किल रेट के अनुसार तय किया जाएगा। जबकि फाइबर कुर्सी का रेट 15 रुपये, वीआइपी कुर्सी 40 रुपये तथा सामान्य आकार की दरी व शामियाना का दर क्रमशरू 35 रुपये और 700 रुपये प्रतिदिन होगा। इसके अलावा मंच या स्टेज की सामान्य व्यवस्था पर 1200 रुपये खर्च में जुटेंगे। वहीं बड़े आकार के मंच के लिए 12 हजार रुपये निर्धारित किया गया है जिसका आकार 256 वर्ग फीट का होगा। साथ ही पांच केवी जेनरेटर के लिए 500 रुपये तथा 25 केवी जेनरेटर के लिए 2हजार रुपये प्रति दिन के हिसाब से खर्च में जोड़ा जाएगा। चुनाव प्रचार में प्रयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए अलग-अलग रेट तय किया गया है। प्रचार वाहन के रूप में मोटर साइकिल प्रयोग करने पर 200 रुपये, जीप व बोलेरो के लिए 1800 रुपये, स्कार्पियो व इनोवा जैसी लक्जरी गाड़ियों के लिए 2500 रुपये प्रति दिन के हिसाब से प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जाएगा। इसके इतर यदि कोई साइकिल व रिक्शा से चुनाव प्रचार करता या कराता है तो इस पर भी उसकी जेब काटी जाएगी। इसके लिए उम्मीदवार के खर्च में 250 रुपए प्रति दिन के हिसाब से जोड़ने की व्यवस्था है। आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी रेट तय कर दिया है। किसी मशहूर गायक या कलाकार को बुलाने पर दो लाख रुपये खर्च में जुड़ेगा। यही नहीं खर्च का असली बिल भी प्रत्याशियों को जमा करना अनिवार्य होगा। वहीं स्थानीय कलाकारों को बुलाने पर अधिकतम 30 हजार रुपए खर्च में जोड़ने की व्यवस्था है। ज्ञात हो कि आयोग के निर्देशानुसार प्रत्याशी 70 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं। इसमें चुनाव के दौरान झंडा बैनर, लाउड स्पीकर, चाय-नाश्ते का खर्च शामिल है। इस बार आयोग ने प्रत्याशियों के चुनावी खर्च को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में ला दिया है, यानी नेताओं को भी जीएसटी का भुगतान करना होगा। प्रचार के दौरान किसी प्रत्याशी ने चाय पिलाई तो खर्च का ब्योरा देते समय उस पर 12 फीसदी जीएसटी अतिरिक्त जुड़ेगा।