चौकी इंचार्ज की दबंगई, पीड़ित को ठूंसा लॉकअप में
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जौनपुर। जौनपुर पुलिस पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के बजाय दबंगों के साथ खड़ी हो गई है। जिस प्रताड़ना की शिकायत कोतवाली से लेकर एसपी आशीष तिवारी तक कि गई उससे नाराज़ चौकी इंचार्ज ने पीड़ित को ही लॉकअप में ठूंस दिया। कोतवाल भी चाह कर पीड़ित को हवालात से बाहर नहीं निकाल पा रहे।
नगर कोतवाली के मंडी नसीब खां निवासी ज़फर चाय का स्टाल चलाते हैं। उनका एक पट्टीदार शराब के नशे में अकसर उनकी पत्नी से छेड़खानी करता था। विरोध करने पर मारपीट भी करता। दबंगई हद से ज़्यादा बढ़ी तो आज़िज़ आकर ज़फर ने भंडारी चौकी और कोतवाली में शिकायत की। यहां सुनवाई नहीं हुई तो एसपी आशीष तिवारी के दर पर गुहार लगाई ।उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए मातहतों को निर्देशित किया। इसके बाद पुलिस टीम आरोपी की तलाश में जुट गई। वो नहीं मिला तो भंडारी चौकी इंचार्ज ने शनिवार शाम पीड़ित को चौकी पर बुलाया। उनसे शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने लगे। पीड़ित तैयार नहीं हुआ तो उसे कोतवाली ले जाकर लॉकअप में डाल दिया। परिजन को सूचना मिली तो डरते हुए कोतवाली पहुंच गए। ज़िम्मेदारों से वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि ये मारपीट के आरोपी हैं। एसपी तक को दिए गए शिकायत के सारे दस्तावेज़ दिखाए गए तो कहा गया कि जो पुलिसिया जांच में आएगा वही होगा। हालांकि ज़फर के खिलाफ दी गई तहरीर पुलिस नहीं दिखा सकी। चौकी इंचार्ज ने बताया कि ज़रूरी नहीं कि तहरीर मिले ही। बिना तहरीर के ही गिरफ्तार किया जा सकता है।
नगर कोतवाली के मंडी नसीब खां निवासी ज़फर चाय का स्टाल चलाते हैं। उनका एक पट्टीदार शराब के नशे में अकसर उनकी पत्नी से छेड़खानी करता था। विरोध करने पर मारपीट भी करता। दबंगई हद से ज़्यादा बढ़ी तो आज़िज़ आकर ज़फर ने भंडारी चौकी और कोतवाली में शिकायत की। यहां सुनवाई नहीं हुई तो एसपी आशीष तिवारी के दर पर गुहार लगाई ।उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए मातहतों को निर्देशित किया। इसके बाद पुलिस टीम आरोपी की तलाश में जुट गई। वो नहीं मिला तो भंडारी चौकी इंचार्ज ने शनिवार शाम पीड़ित को चौकी पर बुलाया। उनसे शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने लगे। पीड़ित तैयार नहीं हुआ तो उसे कोतवाली ले जाकर लॉकअप में डाल दिया। परिजन को सूचना मिली तो डरते हुए कोतवाली पहुंच गए। ज़िम्मेदारों से वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि ये मारपीट के आरोपी हैं। एसपी तक को दिए गए शिकायत के सारे दस्तावेज़ दिखाए गए तो कहा गया कि जो पुलिसिया जांच में आएगा वही होगा। हालांकि ज़फर के खिलाफ दी गई तहरीर पुलिस नहीं दिखा सकी। चौकी इंचार्ज ने बताया कि ज़रूरी नहीं कि तहरीर मिले ही। बिना तहरीर के ही गिरफ्तार किया जा सकता है।