वादों में हरियाली, कागजों में पौध रोपण
https://www.shirazehind.com/2019/04/blog-post_821.html
जौनपुर। शहर से लेकर देहात तक हर साल लाखों पौधे रोपने का दावा किया जाता है और कागजों पर पौधरोपण होता भी है। इसके साथ ही शहर में सड़क किनारे हो रहे अतिक्रमण की वजह से यहां की हरियाली दूर होती जा रही है। खाली पड़ी जमीनों पर पौधरोपण की कोई योजना नहीं बनाई जाती। इससे शहर की सुंदरता भी धूमिल होती जा रही है। हर चुनाव में हरियाली लाने का वादा किया जाता है, लेकिन चुनाव बाद सभी इस मुद्दे को भुला देते हैं। गंभीर समस्या की ओर कोई भी देखने को तैयार नहीं है। पेड़, पौधों के गायब होने से वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है। हर साल पौधे और पेड़ धरा से गायब होते जा रहे हैं। इससे धूप में लोग छांव को तरस रहे हैं तो वायु प्रदूषण का खतरा भी दिन पर दिन बढ़ रहा है। शुद्ध हवा न मिलने से लोग दमा और सांस के मरीज भी होते जा रहे हैं। इससे यह मामला समस्या के रूप में उभर रहा है। हर चुनाव में सियासी लोग जनता के बीच वादा करते हैं कि वह अगर चुनाव जीते तो क्षेत्र को हरा भरा कर देंगे, लेकिन चुनाव बाद ऐसा कुछ नहीं होता है। चुनाव बाद कोई इस सरोकार से नहीं जुड़ता। सभी अपनी जरूरतों को पूरा करने में लगे रहते हैं। हैरत की बात तो यह है कि मानसून सत्र शुरू होते ही माननीय पौधरोपण कराते हुए फोटो खिचवाते हैं तो उसका प्रचार भी जोर-शोर से करते हैं, लेकिन यह पौधे कुछ दिन बाद कहां चले जाते हैं इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं देता। इस बार जनता इसको चुनावी मुद्दा के रूप में उठाने की बात कर रही है। वह प्रत्याशियों से वादा करवा रहे हैं कि हरियाली वापस लाएंगे।