शहीद के पिता से पेंशन शुरू कराने के लिए अधिकारियों ने मांगी रिश्वत

जौनपुर।  उरी आतंकी हमले में शहीद सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के भकुरा गांव निवासी शहीद राजेश सिंह के परिजन आज भी दुखी हैं। देश के लिए जान गंवाने वाले सपूत के मां-बाप सरकारी सिस्टम की लापरवाही सुना रो पड़ते हैं। परिजनों का कहना है कि पेंशन शुरू करवाने के लिए ब्लाक पर उनसे रिश्वत की मांग की गई। शहीद के परिजन सरकार की उपेक्षा से भी आह्त है। घरवालों का कहना है कि जो सुविधाएं देने का भरोसा दिया गया था, वह आज तक पूरी नहीं हो सकी। 65 वर्षीय राजेंद्र सिंह का बेटा राजेश वर्ष 2016 में उरी आतंकवादी हमले में शहीद हो गया था। सपा सरकार की ओर से शहीद के पत्नी व बच्चों को सहायता स्वरूप 20 लाख रुपये की मदद की गई, लेकिन मां-बाप को पांच लाख रुपये देने का वादा आज तक पूरा नहीं हो पाया। बच्चों को मुफ्त पढ़ाई के साथ ही परिजनों को जमीन देने का भरोसा दिया गया था, लेकिन समय के साथ नेता अपना वादा भूल गए। हद तो तब हो गई जब शहीद के पिता से पेंशन शुरू कराने की एवज में ब्लाक पर पैसे मांगे गए। राजेंद्र सिंह का कहना है कि पेंशन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी बीडीओ व सेक्रेटरी ने पैसे मांगे। उनका कहना है कि दो वर्ष बीत जाने के बाद भी कृषि के लिहाज से जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई। वह शहीदों को लेकर किए जाने वाले राजनीतिकरण से भी दुखी हैं। पूर्व विधायक नदीम द्वारा दिया गया गेट निर्माण भी अधूरा रह गया। शहीद का बेटा निशान्त सिंह लखनऊ में रहकर अपने ही खर्चे पर पढ़ाई कर रहे हैं। शहीद की मां प्रभावती सिंह रोते हुए कहती हैं, कि बेटे के शहीदी पर गर्व है, लेकिन उसके जाने के बाद बुढ़ापे का सहारा छिन गया। फिल्म में भी उपेक्षा

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